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आवागमन में थी परेशानी, ग्रामीणों ने तैयार किया रास्ता
सलखुआ : कोसी तटबंध के भीतर आयी बाढ़ से अंदर के गांवों में अभी भी जगह-जगह सड़कें बही हुई हैं. आवागमन के रास्ते कटे हुए हैं. सड़कों से मिट्टी बह जाने के कारण बने गड्ढे खतरा और दुर्घटना को आमंत्रित कर रहे हैं. लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाई होती है. पूर्वी कोसी तटबंध के […]
सलखुआ : कोसी तटबंध के भीतर आयी बाढ़ से अंदर के गांवों में अभी भी जगह-जगह सड़कें बही हुई हैं. आवागमन के रास्ते कटे हुए हैं. सड़कों से मिट्टी बह जाने के कारण बने गड्ढे खतरा और दुर्घटना को आमंत्रित कर रहे हैं. लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाई होती है.
पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर के गांव बहुअरवा चौक से पचखुटिया भरना होते हुए बनगामा-घोरमाहा जाने वाली सड़क पर दर्जनों बड़े-बड़े गड्ढ़े बने हुए हैं. सरकार के दावे और आदेश-निर्देश के बाद भी उसे अब तक ठीक नहीं कराया जा सका है.
शासन-प्रशासन का आसरा देखते थक जाने के बाद गांव वालों ने श्रमदान से सड़कों को सुगम्य बनाना शुरू किया. खराब सड़कों का बहाना बनाकर ही ऐसे गांवों में बाढ़ पीड़ितों को राहत तक नहीं दी गई.
बच्चों का स्कूल जाना हो गया था बंद: उटेशरा पंचायत के बहुअरवा गांव की सड़क की स्थिति ज्यादा खराब है.
यहां सात निश्चय योजना हो या अन्य कोई योजना, सब खोखले नजर आ रहे हैं. पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि चचरी पुल टूटने के बाद कोचिंग या स्कूल जाने के लिए केले के थंब से बने नाव पर बच्चे आना-जाना करते हैं. सरकारी नावों का भी परिचालन नहीं होता है.
जबकि इसी मार्ग से कई बार बीडीओ व अंचल अधिकारी और सांसद तक का आना-जाना हुआ है. लेकिन किसी ने न तो पुल बनाने की चर्चा की और न ही सड़क मरम्मती कराने की. सड़क की हो रही परेशानी से निबटने के लिए ग्रामीणों ने बिजली के पोल को एकत्रित कर रास्ता बनाया गया.
ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क से विगत वर्ष 2018 में आयी कोसी की पानी पार करने के दौरान दो बच्चों के डूबने से मौत हो चुकी है. रास्ते में बने बड़े गढ्ढे में पानी जमा होने से इस गांव के करीब सौ बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया है. आवागमन बाधित रहने से बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं. कहा कि डर लगता है कहीं इस गहरे पानी को पार करने में कोई हादसा न हो जाए.
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