New Bridge in Bihar: बिहार और झारखंड के बीच सोन नदी पर पुल निर्माण को लेकर एक बार फिर उम्मीद जगी है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने इस दो लेन वाले पुल के निर्माण को गति देने के लिए 155 करोड़ की लागत से नया टेंडर जारी किया है. इसकी लंबाई 1.5 किलोमीटर होगी. इसका जिम्मा दिल्ली की बीके गुप्ता कंपनी को सौंपा गया है. इसके बनने से रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड से झारखंड के गढ़वा जिले के श्रीनगर तक 150 किलोमीटर का सफर सिर्फ 2-3 किलोमीटर का रह जाएगा. जिससे 3-4 घंटे की सफर सिर्फ 10 मिनट में पूरा होगा.
दोबारा जारी की गई निविदा
मिली जानकारी के अनुसार बिहार और झारखंड को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण पुल का निर्माण कार्य पहले ब्रजेश अग्रवाल कंपनी को सौंपा गया था. काम में गड़बड़ी और अनियमितता सामने आने पर कंपनी पर 14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया और उसके बाद काम रोक दिया गया. इसके बाद पुल निर्माण निगम की तरफ से दोबारा निविदा जारी की गई. इस बार 155 करोड़ की लागत से टेंडर निकाला गया.
4 घंटे का सफर 10 मिनट में पूरा
इस पंडुका पुल निर्माण से रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड में रहने वाले लोगों के लिए झारखंड के गढ़वा जिले के श्रीनगर तक की यात्रा बहुत आसान हो जाएगी. इसकी वजह है कि यह दूरी सिर्फ दो-तीन किलोमीटर ही रह जाएगी.
50 लाख लोगों को होगा फायदा
बता दें कि अभी गढ़वा जाने के लिए 150 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसके लिए डेहरी, औरंगाबाद और हरिहरगंज या इंद्रपुरी बराज के रास्ते जाना पड़ता है. दो लेन वाले इस पुल के बन जाने से यह पूरा इलाका सीधे एनएच 19 और एनएच 39 से जुड़ जाएगा. करीब 50 लाख लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा और 3 से 4 घंटे का सफर महज 10 मिनट पूरा हो जाएगा.
नए डिजाइन के आधार पर होगा निर्माण
जानकारी के अनुसार निविदा की अंतिम तिथि 10 जुलाई 2025 रखी गई थी. निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब पुल निर्माण नए डिजाइन के आधार पर होगा. पहले जो काम अधूरा रह गया था, उसमें तकनीकी सुधार करते हुए आगे का काम पूरा कराया जाएगा. पुल निर्माण का काम जल्द शुरू कराया जाएगा.
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बिहार-झारखंड के बीच सफर होगा आसान
इस पुल के बनने से बिहार और झारखंड के बीच सीधा और सुगम संपर्क स्थापित होगा. सोन नदी पार करने में लोगों को अभी तक नाव या लंबा चक्कर लगाना पड़ता है. खासकर बारिश और बाढ़ के दिनों में लोगों को भारी परेशानी से गुजरना होता है. पुल बनने के बाद शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दोनों राज्यों के बीच आना-जाना आसान होगा.
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