Bihar Tourist Places: बिहार में अगर इस सर्दी किसी शांत, खूबसूरत और सुकून भरी जगह की तलाश है, तो रोहतास जिले के चेनारी प्रखंड में स्थित दुर्गावती जलाशय आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है. कैमूर की ऊंची, खड़ी और हरियाली से ढकी पहाड़ियों के बीच बसा यह विशाल जलाशय सर्द मौसम में अपनी खूबसूरती के शिखर पर होता है. सूर्योदय की सुनहरी किरणों से लेकर सूर्यास्त की लालिमा तक, हर दृश्य ऐसा लगता है मानो किसी पेंटिंग में जान आ गई हो.

करमचट डैम के नाम से भी जाना जाता है ये जलाशय
दुर्गावती जलाशय को स्थानीय लोग करमचट डैम के नाम से भी जानते हैं. अपनी लोकेशन और प्राकृतिक सुंदरता के कारण इसे लोग प्यार से ‘बिहार का स्विट्जरलैंड’ भी कहते हैं. साफ और शांत पानी, चारों ओर फैले जंगल और पहाड़ियों की छाया यहां आने वाले हर पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देती है. नवंबर से फरवरी तक यह इलाका ठंडी हवा और सौम्य मौसम के कारण पिकनिक मनाने वालों से गुलजार रहता है.

परिवार, दोस्त और कपल यहां दिनभर बैठकर सुकून का समय बिताना पसंद करते हैं. प्रकृति के बीच, शोर से दूर, खुली हवा में बिताए ऐसे पलों की यादें हर किसी के दिल में बस जाती हैं.
नौका विहार सबसे बड़ा आकर्षण
यहां घूमने आने वालों के लिए नौका विहार सबसे बड़ा आकर्षण बना हुआ है. झील के बीच नाव पर बैठकर पहाड़ियों के प्रतिबिंब को नजदीक से देखना बेहद शांत और सुकूनदायक अनुभव देता है. दिन ढलते समय जब पहाड़ों के पीछे सूरज छिपने लगता है, तो दृश्य इतना खूबसूरत लगता है कि पर्यटक देर तक वहीं बैठकर उसे निहारते रहते हैं.

हाउसबोट में क्या-क्या मिलेगी सुविधा?
दुर्गावती जलाशय को बिहार के पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाने में हाउसबोट की शुरुआत ने बड़ी भूमिका निभाई है. 8-10 लोगों की रहने-खाने की सुविधा से लैस ये हाउसबोट पर्यटकों को प्रकृति के बीच रात गुजारने का अनोखा मौका देती हैं. यह अनुभव बिहार में कहीं और नहीं मिलता, इसलिए यह जगह तेजी से लोकप्रिय हो रही है.

सर्दियों में इसकी खूबसूरती किसी जन्नत से कम नहीं
सरकार की ओर से करमचट डैम और आसपास के क्षेत्रों में इको-टूरिज्म और एडवेंचर हब विकसित किया जा रहा है. पार्क, रेस्टोरेंट, रेस्ट हाउस और बेहतर सुविधाओं पर तेजी से काम चल रहा है.

दुर्गावती जलाशय आज बिहार का ऐसा पर्यटन स्थल बन चुका है, जहां हर मौसम में लोग यादगार पल बनाने आते हैं. लेकिन सर्दियों में इसकी खूबसूरती किसी जन्नत से कम नहीं लगती.
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