Bihar News: बिहार का रोहतास जिला प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व और पौराणिक धरोहरों से भरा हुआ है. इसी कड़ी में कैमूर पहाड़ी की गोद में बसा गुप्ता धाम इन्हीं धरोहरों में से एक है. जिसे धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम माना जाता है. सावन के महीने में हर साल यहां बाबा गुप्तेश्वर नाथ पर जलाभिषेक करने लाखों श्रद्धालु बिहार समेत अन्य राज्यों से भी पहुंचते हैं. यहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ सालभर लगी रहती है.
अभी है ये दिक्कतें
यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने गुप्ता धाम के विकास की योजना तैयार की है. मिली जानकारी के अनुसार गुफा के अंदर श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन की कमी, भीड़भाड़ और जलजमाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
मिलेंगी ये सुविधाएं
इन समस्याओं के समाधान के लिए गुफा में ऑक्सीजन सप्लाई, जल निकासी व्यवस्था, रबर पैकिंग, बिजली की व्यवस्था और आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्तों का निर्माण होगा. इस योजना पर कुल 12.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा गुफा के बाहर भी पूजा-अर्चना की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
धर्मशाला का होगा निर्माण
धाम परिसर में श्रद्धालुओं के ठहराव के लिए 32 कमरों वाला धर्मशाला बनाया जाएगा. प्रसाद बेचने वालों को दुकानें आवंटित की जाएंगी. गुफा के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. गुफा के बाहर बड़ी स्क्रीन पर लाइव प्रसारण की व्यवस्था होगी, ताकि भीड़ पर निगरानी रखी जा सके. पूरे परिसर में आकर्षक लाइटिंग की भी व्यवस्था की जाएगी.
सड़क चौड़ीकरण और तोरण द्वार
जानकारी के अनुसार धाम तक जाने वाले 19 किलोमीटर लंबे संकरे रास्ते पर अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं. इसे ध्यान में रखते हुए कई स्थानों पर सड़क चौड़ीकरण किया जाएगा और पांच किलोमीटर तक पीसीसी ढलाई की जाएगी. इसके अलावा करमचट डैम और गुप्ता धाम परिसर के पास दो तोरण द्वार भी बनेंगे.
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प्राकृतिक शिला रूप में विराजमान हैं शिव
यह गुप्ता धाम पौराणिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर भस्मासुर के डर से यहां की प्राकृतिक गुफा में छिप गए थे. इसी कारण इस स्थल को ‘गुप्ता धाम’ के नाम से जाना जाता है. भगवान शिव यहां प्राकृतिक शिला रूप में विराजमान हैं.
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