नेपाल व भूटान समेत पूर्वोत्तर राज्यों के कांवरिये आते-जाते डाल रहे पड़ाव
कारोबार को ब्रेक डाल समर्पण भाव से कांवरियों की सेवा में जुटे हैं व्यापारी
पूर्णिया. गुलाबबाग के जीरोमाइल पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर स्थित शिविर में देशी और विदेशी कांवरियों की जमघट लगने लगी है. सावन के महीने में जीरोमाइल चौक पूर्वोत्तर भारत के कांवरियों का भी प्रमुख पड़ाव केंद्र बना है जहां सुबह से शाम तक बोल बम और हरहर महादेव के जयकारा गूंज रहा है. यहां पिछले बीस दिनों से असम, मेघालय, अरुणाचल, बंगाल के अलावा नेपाल के कांवरिये आते-जाते पड़ाव डाल रहे हैं. जीरोमाइल चौक स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर कांवरिया शिविर से शनिवार को अलग-अलग असम, मेघालय और नेपाल के भक्त बड़ी संख्या में देवघर के लिए निकले जबकि कई जत्था वापसी में भी यहां आया. शिविर में स्वयंसेवक के रुप में सक्रिय कमेटी सदस्यों और व्यापारियों ने उनकी सेवा की. वापस लौटे कई कांवरियों को जरुरत के हिसाब से दवा भी उपलब्ध करायी गयी. दरअसल, यहां पिछले कई दशकों से मंदिर कमेटी द्वारा शिविर का आयोजन किया जा रहा है जो शहरी क्षेत्र का एकमात्र कांवरिया शिविर है जहां पूरा सावन भजन-कीर्तन से पूरा चौक का पूरा वातावरण भक्तिमय रहता है.सावन में पूरे माह रहता है भक्ति का माहौल
सावन शुरू होते ही यहां देशी -विदेशी कांवरियों की जमघट लगनी शुरू हो जाती है. देवघर जाने और फिर आने के क्रम में कांवरिये यहां पड़ाव डालना नहीं भूलते. देवघर में बाबा भोले को जलाभिषेक करने के बाद वापसी में वे यहां भगवान पंचमुखी हनुमान का दर्शन करते हैं. पूरा सावन भर यहां बोल बम का जयकारा गूंजता रहता है. यहां मंदिर कमेटी के सभी सदस्य और आसपास के नागरिक पूरी तन्मयता से कांवरियों की सेवा करते हैं. यही वजह है कि गुलाबबाग का जीरोमाइल चौक पूर्वोत्तर भारत के कांवरियों का पसंदीदा पड़ाव बन गया है.दशकों से लगायी जा रही शिविर
गुलाबबाग का जीरोमाइल चौक स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में दशकों से कांवरियों के लिए शिविर लगायी जाती है. यहां पूरा समाज कांवरियों की सेवा तन्मयता से करता है. बालेश्वर यादव, देवेन्द्र चोपड़ा, दिलीप यादव, राजेश लाहोटी, मिठाई पांडे, जनार्दन त्रिवेदी, राजूलोहिया, रंजीत सिंह, सतीश कुमार साह,विक्रम सिंह, रवि मारु, महाबीर शर्मा,नारायण लोहिया आदि समेत कई छोटे-बड़े व्यापारी खुद कांवरियों की सेवा में तैनात रहते हैं. सारी व्यवस्था आपस के सहयोग से होती है. यहां शुद्ध पेयजल से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की जाती है. चिकित्सा सुविधा के लिए डाक्टर और कंपाउंडर ही नहीं मुफ्त दवा का भी यहां इंतजाम रखा जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है