पूर्णिया. न्यू सिपाही टोला पासवान मुहल्ला के शिव मंदिर के प्रांगण में संत कबीर दास जी की 627 वीं जयंती साहित्यकार श्याम लाल पासवान की अध्यक्षता में मनायी गयी. जयंती समारोह में कबीर मत के अनुयायी गोपी दास, जनक दास, रामचन्द्र दास, बौधू दास, शिवचरण दास, कौशल्या देवी, पार्वती देवी, धनिया दासिन, तारा देवी, अनिता देवी, रीना देवी ने भाग लिया और संत कबीर दास जी के तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. श्याम लाल पासवान ने संत कबीर की जीवन लीला पर विस्तार से प्रकाश डाला. श्री पासवान ने कहा कि संत कबीर एक क्रांतिकारी, स्पष्टवादी, कवि के साथ-साथ महान समाज सुधारक थे. समाज के कुरीतियों अंधविश्वास, छूआछूत, जाति-पाति को दूर करने के लिए परिश्रम करते थे. संत कबीर का कहना था कि मानव एक जाति है और आत्मा ही ईश्वर है. अपने ही अंदर ईश्वर को खोजना है और परिवार और समाज में प्रेम रखना है. इनके कहे गये शब्दों को हम सबों को अनुशरण करना चाहिए.
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