पूर्णिया : तमाम कोशिशों के बावजूद शहर में यातायात व्यवस्था जस की तस है. इसमें कोई सुधार नहीं हो सका है. सुधार के लिए प्रशासनिक स्तर पर पहल जरूर हुई पर इसको अमलीजामा पहनाने के लिए कोई सख्ती नहीं हुई.
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पूर्णिया में पूर्णत: नाकाम होकर रह गयी रोड जाम के निदान पाने की हर कोशिश
पूर्णिया : तमाम कोशिशों के बावजूद शहर में यातायात व्यवस्था जस की तस है. इसमें कोई सुधार नहीं हो सका है. सुधार के लिए प्रशासनिक स्तर पर पहल जरूर हुई पर इसको अमलीजामा पहनाने के लिए कोई सख्ती नहीं हुई. नतीजतन जाम की समस्या से निजात पाने के लिए तमाम कोशिशें नाकाम होकर रह गयी. […]
नतीजतन जाम की समस्या से निजात पाने के लिए तमाम कोशिशें नाकाम होकर रह गयी. गौरतलब है कि सड़क जाम के स्थायी निदान के लिए पिछले दस सालों से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस नजरिए से कई बार यातायात व्यवस्था में सुधार की कवायद भी की गयी. मगर आज तक इसका ठोस निदान नहीं निकाला जा सका.
इसी उद्देश्य से शहर में सिक्स लेन रोड का निर्माण कराया गया था पर इसके बावजूद सड़क को जाम से मुक्ति नहीं मिल सकी. यह समस्या आज भी बरकरार है. दरअसल जाम के सही कारणों की तलाश आज तलक पूरी नहीं हो सकी जबकि अलग अलग स्थानों पर जाम के कारण भी अलग अलग रहे हैं.
गुलाबबाग मार्केटिंग चौक, फ्लाईओवर के पश्चिम ,कटिहार मोड़ और लाइनबाजार चौक पर अक्सर अलग अलग कारणों से जाम लगते हैं. फ्लाईओवर के समीप जाम का एक बड़ा कारण रेलवे का रैक प्वाईंट है जिसके निदान की सार्थक पहल नहीं हो सकी है.
यह अलग बात है कि जाम के निदान के लिए अमूमन हर साल अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है पर इससे इतर कोई प्रयास नहीं किए जाते हैं . जानकारों का कहना है कि सड़क जाम का संकट अब शहर के लिए नासूर बन गया है. जानकारों का कहना है कि शहर में जाम के असली कारणों का न तो कोई सर्वे हुआ है और न ही इसकी जरूरत ही समझी गयी है.
कचहरी रोड में मुसीबत बन जाता है जाम
पूर्णिया. जाम का संकट शहर में किसी एक जगह नहीं है. आलम यह है कि जिधर चले जाइए उधर ही मुसीबत के रूप में जाम नजर आ जाता है. खास तौर पर कचहरी रोड का जाम हर रोज लोगों को परेशान करता है.
दरअसल, यह सड़क नगर निगम के सामने से निकल कर कचहरी होते हुए मधुबनी डालर हाउस चौक तक चली जाती है. बीच में एक तरफ व्यवहार न्यायालय का कैम्पस है तो दूसरी तरफ वकालत खाना भी है जहां एक साथ वकीलों और मुवक्किलों की आवाजाही हुआ करती है.
थोड़ा आगे बढने पर पहले डान वास्को स्कूल, गर्ल्स हाई स्कूल और महिला कालेज अवस्थित है जहां रोजाना हजारों छात्र व छात्राओं की आवाजाही होती है. कॉमन बात यह है कि सबके आने और जाने का समय लगभग एक ही है. यही वजह है कि सुबह दस से साढे दस बजे और शाम को चार साढे चार बजे के बीच इस रोड में भयंकर जाम लगता है जिसके निदान की सार्थक पहल आज तक नहीं हो सकी है.
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