सौरा के तटबंध पर बेडमिसाली और कंकरीट पड़ गये, कालीकरण रह गया शेष
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बस थोड़ा सा इंतजार फिर सौरा तट की सड़क पर भरिये फर्राटा
सौरा के तटबंध पर बेडमिसाली और कंकरीट पड़ गये, कालीकरण रह गया शेष 1998 में पहली बार तट पर सड़क निर्माण का प्रस्ताव तत्कालीन सांसद ने भेजा था 20 साल बाद खुश्कीबाग के नागरिकों की मांग को मिल रहा है मुकाम पूर्णिया : बस थोड़ा सा इंतजार कीजिए और फिर पूर्णिया सिटी से कप्तान पुल […]
1998 में पहली बार तट पर सड़क निर्माण का प्रस्ताव तत्कालीन सांसद ने भेजा था
20 साल बाद खुश्कीबाग के नागरिकों की मांग को मिल रहा है मुकाम
पूर्णिया : बस थोड़ा सा इंतजार कीजिए और फिर पूर्णिया सिटी से कप्तान पुल होते हुए नेशनल हाइवे तक फर्राटा भरिये. हरे-भरे पेड़ों की शृंखला के बीच से गुजरते हुए अजीब सकून मिलेगा, क्योंकि बगल से सौरा की अल्हड़ जलधाराओं की कल-कल ध्वनि का भी एहसास होगा. जी हां, बीस सालों के बाद एक बड़ी योजना को मुकाम मिलने वाला है. पूर्णिया सिटी में काली मंदिर के सामने से निकल कर कप्तान पुल और यहां से नेशनल हाइवे तक नदी के किनारे सड़क बन कर लगभग तैयार है. अब सिर्फ उस पर कालीकरण करना शेष रह गया है.
सौरा के तटबंध पर न केवल दोनों तरफ पेड़ लगाये गये हैं, बल्कि बेडमिसाली बिछा कर उस पर कंकरीट डाल कर रोलिंग भी कर दिया गया है. तटबंध पर बनने वाली इस सड़क की सुरक्षा के लिए नदी की तरफ से बोल्डर भी बिछा दिये गये हैं, जिससे टकरा कर नदी का पानी वापस हो जाता है.
शहर में बाइपास का काम करेगी सड़क. पूर्णिया सिटी से कप्तान पुल और यहां से नेशनल हाइवे, बेलौरी तक तटबंध की यह सड़क शहर में बाइपास का काम करेगी. सिटी से जिन्हें एनएच पकड़ना है वे सीधे इसी रास्ते से निकल जायेंगे. इससे लाइन बाजार चौक समेत कई चौराहे जाम की समस्या से मुक्त होंगे. यह अलग बात है कि कप्तान पुल के समीप एक ट्रैफिक पोस्ट की जरूरत होगी क्योंकि यह जगह चौक के रूप में विकसित होगा. यहां से थोड़ा टर्न लेकर तटबंध वाली सड़क क्रॉस करेगी और ठीक सामने रामबाग जाने वाली सड़क भी गुजरती है. जानकारों का कहना है कि इस पर विभागीय स्तर पर विचार किया जा रहा है.
बीस साल पूर्व पहल
बीस साल पूर्व पूर्णिया के तत्कालीन सांसद स्व जयकृष्ण मंडल ने 1998 में इसके लिए पहल की थी. उस समय खुश्कीबाग का मिलनपाड़ा कटाव की चपेट में आ गया और इसके लिए खुश्कीबाग के नागरिकों का एक प्रतिनिधि मंडल ने सांसद से मुलाकात कर समस्याओं के निदान की मांग की थी. अनुसार सांसद की त्वरित पहल पर सौरा नदी को सीधा किया गया था. सूत्रों की मानें तो सांसद ने उसी समय सौरा नदी के तट को बाइपास सड़क के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भेजा था.
विधायक की पहल पर तटबंध सुरक्षा की व्यवस्था
पिछले साल नदी के तटबंध में आने वाले दरार को देखते हुए इस बार इसकी सुरक्षा को विशेष तवज्जो दिया जा रहा है. विधायक विजय खेमका ने इसके लिए न केवल सरकार का ध्यान आकृष्ट किया बल्कि जिला प्रशासन से भी बात की. नतीजतन मॉनसून आने से पूर्व ही बचाव की तैयारी तेज हो गई है. नदी के दोनों तरफ बोल्डर बिछाए जा रहे हैं और जीओ बैग रखे जा रहे हैं. इससे स्वाभाविक रुप से तटबंध वाली सड़क की भी सुरक्षा हो जाएगी.
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