Voter Adhikar Yatra: बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव आज यानी 17 अगस्त से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत करने जा रहे हैं. यह यात्रा सासाराम से शुरू होकर राजधानी पटना में समाप्त होगी. बड़ा सवाल यह है कि राहुल गांधी ने यात्रा की शुरुआत सासाराम से ही क्यों चुनी? क्या इसका मकसद एनडीए को घेरना है या कांग्रेस की जमीनी पकड़ मजबूत करना?
यात्रा की शुरुआत सासाराम से ही क्यों?
असल में, यह यात्रा वोट चोरी और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के विरोध में निकाली जा रही है. राहुल गांधी इस अभियान के जरिए बिहार चुनाव से पहले जनता में अपनी पकड़ बनाना चाहते हैं. सासाराम को इसलिए चुना गया क्योंकि यह किसी जातिगत समीकरण का परिणाम नहीं बल्कि कांग्रेस का परंपरागत गढ़ है. पिछले 20 वर्षों से सासाराम लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. 2004 और 2009 में कांग्रेस की मीरा कुमार यहां से सांसद रहीं और लोकसभा अध्यक्ष भी बनीं. इसके बाद 2014 और 2019 में छेदी पासवान कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सांसद चुने गए. 2024 में कांग्रेस ने मनोज कुमार को टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की.
2019 के लोकसभा चुनाव में थी कांटे की टक्कर
हालांकि, 2019 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मनोज कुमार को 5.13 लाख वोट मिले थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी शिवेश कुमार को 4.9 लाख वोट मिले थे. यानी मुकाबला बेहद करीबी रहा. ऐसे में कांग्रेस अपने गढ़ को सुरक्षित रखने की कोशिश में है. राहुल गांधी की यह यात्रा इसी रणनीति का हिस्सा है ताकि बीजेपी को रोकते हुए कांग्रेस अपने इस मजबूत किले को बचाए रख सके.

