– 2011 की जनगणना पर परिसीमन होने पर बिहार में लोकसभा की 62 सीटें होंगी: उपेंद्र कुशवाहा संवाददाता, पटना राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 26 से और 28 अप्रैल को वाल्मीकिनगर में पार्टी की ओर से राजनीति मंथन शिविर आयोजित किया जायेगा. यहां आगामी विधानसभा चुनाव और आगामी वर्ष में होने वाली परिसीमन को लेकर चर्चा होगी. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय, प्रदेश स्तर के नेता समेत जिलाध्यक्ष शामिल होंगे. बिहार व दूसरे प्रदेश के कुल 250 नेताओं के साथ इस शिविर में मंथन किया जायेगा. पटना स्थित पार्टी कार्यालय में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री कुशवाहा ने कहा कि परिसीमन राज्य का सबसे बड़ा मुद्दा है. कहा कि दक्षिण भारत के राजनीतिक दल परिसीमन को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार परिसीमन कराये जाने पर बिहार में 60 से 62 लोकसभा सीटें होंती. दक्षिण के राज्यों में 21 लाख की आबादी पर एक लोकसभा सीट है. जबकि बिहार में 31 लाख की आबादी पर एक लोकसभा सीट है. परिसीमन में बिहार की अनदेखी न हो आजादी के बाद केवल 1951,1961 एवं 1971 में संविधान की मूल भावना के अनुसार परिसीमन किया गया. 1976 में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी की सरकार ने संविधान में संशोधन कर 25 वर्षों के लिए परिसीमन के नियमों में संशोधन कर दिया. चुनाव क्षेत्रों की संख्या पर कैप लगा दिया ताकि संख्या बढ़ायी नहीं जा सके. सरकार को जल्द से जल्द परिसीमन को लेकर निर्णय लेना चाहिए ताकि बिहार जैसे राज्यों की अनदेखी न हो. मौके पर पार्टी के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी, जीतेंद्र नाथ पटेल, प्रशांत पंकज, अंगद कुशवाहा, प्रदेश प्रवक्ता नितिन भारती, इं. हेमंत कुमार, नितिन भारती, ब्रजेंद्र पप्पू, बसंत पटेल आदि थे.
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