Patna News : राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ”दिनकर” की 51वीं पुण्यतिथि के अवसर पर राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति न्यास द्वारा 24 अप्रैल को पटना के बापू सभागार में ‘रश्मिरथी पर्व – 2025’ का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन दिनकर की साहित्यिक विरासत, विचारधारा और राष्ट्रीय चेतना को नयी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर दो बजे दीप प्रज्वलन और दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण से होगी. इसके बाद बलबीर सिंह करुण की पुस्तक ‘सचल हिमालय दिनकर’ व स्व केदारनाथ सिंह की पुस्तक ‘थोड़ा-थोड़ा पुन्न, थोड़ा-थोड़ा पाप’ का विमोचन होगा. समारोह का मुख्य आकर्षण ‘राष्ट्रकवि दिनकर सम्मान – 2025’ है. यह सम्मान केवल प्रतिभा का नहीं, बल्कि दिनकर की मूल चेतना ‘साहस, संघर्ष और सत्य के लिए समर्पण’ को जीने वाले व्यक्तियों को दिया जायेगा. सम्मान समारोह में राष्ट्रकवि दिनकर के परिजन स्वयं यह सम्मान प्रदान करेंगे.
राष्ट्रीय संगोष्ठी भी होगी
समारोह में ‘वर्तमान समय में दिनकर साहित्य की प्रासंगिकता’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, जिसमें देशभर से विद्वान, साहित्यकार, शिक्षाविद और युवा वक्ता दिनकर साहित्य के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व पर विचार व्यक्त करेंगे.
रश्मिरथी पर आधारित नाट्य मंचन का होगा विशेष आकर्षण
मुंबई से पधार रहे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त रंगकर्मी मुजीब खान इस अवसर पर दिनकर की कालजयी कृति ‘रश्मिरथी’ पर आधारित एक विशेष नाट्य मंचन प्रस्तुत करेंगे, जो एक दृश्य और भावनात्मक महाकाव्य का जीवंत अनुभव होगा. यह प्रस्तुति हर उम्र वर्ग के लिए अद्वितीय और स्मरणीय होगी. समारोह को लेकर देशभर के बुद्धिजीवियों, शिक्षकों और साहित्यकारों ने इस आयोजन को एक सांस्कृतिक जागरण बताया है. यह कार्यक्रम निःशुल्क रहेगा और समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणास्पद होगा. दिनकर स्मृति न्यास द्वारा यह आयोजन साहित्य, संस्कृति और जनचेतना का सजीव उदाहरण बनकर उभरेगा.
ये होंगे सम्मानित
1. स्व रामविलास पासवान : सामाजिक न्याय के लिए
2. डॉ बिंदेश्वरी पाठक : स्वच्छता व मानवीय गरिमा के लिए
3. इम्तियाज अली : कला और सिनेमा में संवेदना के लिए
4. स्व आचार्य किशोर कुणाल : सामाजिक नवाचार के लिए
5. फैसल खान (खान सर) : शिक्षा में नवाचार के लिए
6. डॉ सीपी ठाकुर : जनस्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान के लिए
7. बलबीर सिंह करुण : हिंदी साहित्य में सृजनात्मकता के लिए
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है