संवाददाता, पटना राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में मार्च 2025 तक करीब 2600 किमी लंबाई में नई सड़क बनाने का लक्ष्य है. यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तीसरे चरण का हिस्सा है. इस चरण में राज्यभर में करीब 6162 किमी लंबाई में सड़कों का निर्माण होना था. इसमें से अलग-अलग चरणों में करीब 3562 किमी लंबाई में करीब 1800 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से काम हो रहा है. अब 6162 किमी के बचे करीब 2600 किमी लंबाई में सड़क निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. सूत्रों के अनुसार पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली ग्रामीण सड़कों के निर्माण पर खर्च की राशि में केन्द्र और राज्य का हिस्सा 60:40 का होगा. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनायी जाने वाली सड़कों का चयन करने से पहले सर्वेक्षण किया गया था. इसके तहत सड़कों पर ट्रैफिक लोड, सड़कों की कनेक्टिविटी से अधिक से अधिक आबादी को फायदा होने सहित अन्य पहलुओं का भी अध्ययन किया गया था. इसके बाद सभी 38 जिलों में सड़क निर्माण की मंजूरी दी गयी है.सूत्रों के अनुसार अब तक अधिकांश ग्रामीण सड़कों की चौड़ाई करीब 3.75 मीटर है. यदि पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण में ऐसी सड़कों को बेहतर बनाने के लिए चयन होता है तो उनकी चौड़ाई बढ़ाकर पांच मीटर की जायेगी. साथ ही नई सड़कें भी पांच मीटर चौड़ाई की होंगी. पीएमजीएसवाइ के तहत प्रमुखता से ग्रामीण सड़कों को कृषि बाजारों, स्कूलों व अस्पतालों सहित बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है. गांवों में सड़क के विकास का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा को आसान कर तेज गति प्रदान करना है. इस बार सबसे पहले उन गांवों में योजना का लाभ दिया जाएगा, जहां अभी तक सड़क निर्माण नहीं हो सका है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है