Patna News: इस साल पटना का गांधी मैदान सिर्फ रावण दहन का गवाह नहीं बनेगा, बल्कि 12 दिनों तक रामलीला महोत्सव का भी केंद्र रहेगा. आगरा और वृंदावन से आए कलाकारों के हुनर, मिथिला की धार्मिक परंपरा और आधुनिक तकनीक का संगम इस आयोजन को खास बनाएगा.
दशहरा कमेटी ट्रस्ट ने 35 लाख रुपये के बजट से ऐसा आयोजन तैयार किया है, जिसे देखने हजारों की भीड़ उमड़ेगी.
साउथ इंडियन स्टाइल में तैयार होगा रावण
गांधी मैदान में इस बार बनने वाला रावण उत्तर भारतीय परंपरा से अलग होगा. आगरा के कलाकार इसे साउथ इंडियन स्टाइल में गढ़ रहे हैं. रावण का पुतला 80 फीट ऊंचा होगा, जबकि मेघनाद 75 और कुंभकरण 70 फीट के बनाए जाएंगे. बारिश की आशंका को ध्यान में रखते हुए इन पुतलों पर क्लियर वार्निश चढ़ाया जा रहा है, जिससे पानी का असर न हो. पुतलों के निर्माण का अंतिम काम पटना में पूरा किया जाएगा.
इस बार रावण दहन में पर्यावरण का भी ध्यान रखा जा रहा है. पांच लाख रुपये के पटाखे पूरी तरह इको-फ्रेंडली होंगे. जब रावण, मेघनाद और कुंभकरण की अग्नि में लपटें उठेंगी, तो न सिर्फ दृश्य भव्य होगा, बल्कि यह संदेश भी जाएगा कि परंपरा और पर्यावरण एक साथ चल सकते हैं.
रामलीला मंचन में वृंदावन की झलक
दशहरा कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष अरुण कुमार के अनुसार, गांधी मैदान में 100/200 वर्गफीट का जर्मन पंडाल बनाया जा रहा है. इसके अलावा खुले आसमान के नीचे बैठने की व्यवस्था होगी, ताकि अधिक से अधिक लोग इस भव्य आयोजन को देख सकें. रामलीला का मंचन वृंदावन से आई 35 कलाकारों की टीम करेगी. हर शाम छह बजे से नौ बजे तक रामलीला का मंचन होगा, जिसमें भगवान राम की लंका विजय से लेकर भरत मिलाप तक की कथाएं जीवंत होंगी.
गांधी मैदान के सभी 12 गेट दर्शकों के लिए खोले जाएंगे, लेकिन इस बार इन गेटों का नामकरण खास होगा. कमेटी के चेयरमैन कमल नोपानी ने बताया कि हर द्वार का नाम रामायण के पात्रों पर रखा जाएगा. राम द्वार, सबरी द्वार, केवट द्वार, भरत द्वार जैसे नाम दर्शकों को रामकथा से जोड़ेंगे. मुख्य द्वार यानी गेट नंबर-1 का नाम ‘अयोध्या’ रखा जाएगा. इस नामकरण से दर्शकों का प्रवेश भी भक्ति और कथा का हिस्सा बनेगा.
हेलिकॉप्टर से उतरेंगे भगवान राम
रामलीला का सबसे बड़ा आकर्षण होगा भरत मिलाप प्रसंग. जब श्रीराम लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे थे, तब वे पुष्पक विमान से आए थे. इस दृश्य को इस बार आधुनिक अंदाज में पेश किया जाएगा. भगवान राम हेलिकॉप्टर से गांधी मैदान में उतरेंगे और हजारों आंखें उस क्षण को देखने की गवाह बनेंगी. यह दृश्य भव्यता और परंपरा का अद्भुत संगम होगा.
संयोजक मुकेश कुमार नंदन ने बताया कि सीतामढ़ी के पुनौराधाम जानकी मंदिर का 10/12 फीट का मॉडल गांधी मैदान में तैयार किया जा रहा है. पूरे विधि-विधान के साथ यहां माता सीता की पूजा होगी. इसके लिए पुजारी विशेष तौर पर मिथिला से बुलाए गए हैं, जो पूरे 10 दिनों तक पूजा-अर्चना करेंगे. मंदिर के बाहर एक दानपेटी भी रखी जाएगी, जिसमें मिलने वाली राशि पुनौराधाम जानकी मंदिर के निर्माण कार्य में भेजी जाएगी.
दर्शकों के लिए बनेगी सुविधाएं
गांधी मैदान में इस बार दशहरा देखने वालों की भारी भीड़ की संभावना है. इसे ध्यान में रखते हुए सभी गेटों को खोलने, बैठने की व्यवस्था करने और ट्रैफिक प्रबंधन पर खास ध्यान दिया जा रहा है. जर्मन पंडाल के साथ-साथ खुले मैदान में कुर्सियां लगाई जाएंगी. शाम से लेकर रात तक महोत्सव का आनंद लेने के लिए दर्शकों को सुविधाजनक माहौल देने की तैयारी है.
पटना का यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि संस्कृति, परंपरा और आधुनिकता का संगम होगा. एक ओर जहां साउथ इंडियन स्टाइल में रावण का पुतला बन रहा है, वहीं दूसरी ओर मिथिला की धार्मिक धरोहर को रामलीला में शामिल किया गया है. हेलिकॉप्टर से राम का आगमन आधुनिक तकनीक को जोड़ता है तो इको-फ्रेंडली पटाखे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का संदेश देते हैं.

