NEET UG Paper Leak, संवाददाता, पटना: नीट-यूजी पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अब भी फरार है. इनाम की घोषणा को चार दिन गुजर चुके हैं, लेकिन आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को अब तक कोई ऐसा सुराग हाथ नहीं लगा है, जिससे उसकी गिरफ्तारी संभव हो सके. बिहार ही नहीं, दिल्ली से लेकर भूटान तक उसकी तलाश की जा रही है.
इनाम घोषित
सूत्रों के अनुसार, इओयू की एक टीम दिल्ली में CBI अधिकारियों से संपर्क कर इस हाई-प्रोफाइल मामले में सहयोग मांग चुकी है. राज्य और केंद्र की एजेंसियों के बीच सूचना साझा की जा रही है ताकि नौ महीने से फरार आरोपी तक पहुंचने का कोई ठोस रास्ता बन सके.
राज्य गृह विभाग ने 10 अप्रैल को संजीव मुखिया पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, वहीं उसके दो सहयोगियों नालंदा के शुभम कुमार और अरवल के राज किशोर कुमार पर एक-एक लाख रुपये का इनाम रखा गया है.
पेपर लीक गिरोह का सरगना है संजीव
जांच में सामने आया है कि संजीव मुखिया केवल नीट-यूजी (1 मई 2024) ही नहीं, बल्कि कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा (1 अक्टूबर 2023) और शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (15 मार्च 2024) के पेपर लीक का भी मास्टरमाइंड है. कॉन्स्टेबल परीक्षा को तो रद्द करना पड़ा था. उसका नाम पहली बार 2010 में एक पेपर लीक मामले में सामने आया था, लेकिन वह तब पुलिस की गिरफ्त से बच निकला था.
2016 में वह उत्तराखंड में मेडिकल परीक्षा पेपर लीक केस में पहली बार गिरफ्तार हुआ, लेकिन सबूतों के अभाव में दो महीने में जमानत मिल गयी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वह एक अंतरराज्यीय परीक्षा माफिया गिरोह का संचालन करता है, जिसमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बंगाल, ओडिशा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के लोग शामिल हैं. जैसे ही इन राज्यों में कोई भर्ती परीक्षा की घोषणा होती है, यह गिरोह सक्रिय हो जाता है.
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गिरफ्तारी के प्रयास और अब तक की बरामदगी
अब तक मुखिया के घर और कार्यालय पर तीन बार छापेमारी हो चुकी है. छापेमारी के दौरान 11.5 लाख रुपये नकद, कई वाहनों के दस्तावेज, दर्जनों मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किये गये हैं. सीबीआइ इस मामले में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत 33 स्थानों पर छापेमारी कर 36 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें से 15 गिरफ्तारियां बिहार पुलिस ने की हैं.
संजीव मुखिया नालंदा जिले के नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत था, अब राज्य और केंद्र की एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है. इओयू की निगाहें अब नेपाल और भूटान की ओर हैं, जहां से उसके पकड़े जाने की उम्मीद जुड़ी है.
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