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बिहार में गांजा तस्करी के बड़े रैकेट का भांडाफोड़, ओड़िशा से गांजा ला रहे दो छात्र गिरफ्तार

रेल एसपी के अनुसार रैकेट में कई लोग शामिल हैं. ओड़िशा से गांजा मंगवा कर उसे दिल्ली, झारखंड, यूपी और बिहार में डिलिवरी करते हैं. दोनों छात्रों के मोबाइल से कई सारी जरूरी जानकारियां प्राप्त हुई हैं

पटना. रेल थाने की पुलिस ने गांजा की तस्करी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. टूर पैकेज और पैसे के प्रलोभन में ओड़िशा से डिहरी ऑन सोन तक गांजा की तस्करी करते दो छात्रों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार तस्करों के पास से दो ट्रॉली गांजा बरामद किया गया है. एक ट्रॉली में 21 किलो और दूसरी ट्रॉली से 28 किलो गांजा बरामद हुआ है. गिरफ्तार तस्करों में भोजपुर के आमर थाना क्षेत्र के बलिगांव के वार्ड 11 निवासी 19 वर्षीय विपुल चंद्र पांडेय और भोजपुर के अगिआंव बाजार थाना क्षेत्र निवासी 20 वर्षीय दीपक पाठक शामिल हैं. दोनों बीए पार्ट-1 के छात्र हैं और आरा में ही पढ़ते हैं. सोमवार को रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने यह जानकारी दी.

पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से पकड़े गए छात्र 

रेल एसपी ने बताया कि दोनों को पुरुषोत्तम एक्सप्रेस की एसी-3 बोगी के बी-3 और बी-5 कोच से गिरफ्तार किया गया है. दोनों आपस में फुफेरे भाई हैं. इस पूरे मामले की जांच में बनायी गयी टीम में रेल पुलिस डीएसपी मुरारी प्रसाद, रेल अंचल गया के सुशील कुमार, रेल थानाध्यक्ष गया के सुनील कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे.

कोचिंग में हुई थी रैकेट के किंगपिन रमेश से दोस्ती

रेल एसपी ने बताया कि दोनों छात्र पहली बार तस्करी के दलदल में फंसे और गांजा लाने के लिए हामी भर दी. मिली जानकारी के अनुसार दोनों छात्रों की मुलाकात रैकेट के किंगपीन रमेश उर्फ विवेक सावन से कोचिंग संस्थान में पढ़ने के दौरान हुई थी. दोनों को रमेश ने फ्री में टूर पैकेज और 20 हजार रुपये प्रति व्यक्ति देने की बात कही. उसने बताया कि ओड़िशा के खुर्दा बाजार में राहुल नाम के शख्स से एक सामान लेकर उसे डिहरी ऑन सोन पहुंच जाना है. बकायदा उसके के लिए एसी टिकट भी कराया जायेगा. एसी में होने से तुम पर कोई शक भी नहीं करेगा कि ट्रॉली में गांजा है. रेल एसपी ने बताया कि दोनों छात्रों को बताया गया था कि ट्रॉली में गांजा है और उसे कहां से कहां डिलिवरी करना है. दोनों छात्रों ने टूर और पैसे के प्रलोभन में आकर तस्करी करने के लिए हां कह दी.

ऑडियो कॉन्फ्रेंस से करते थे बातचीत, उसी पर होती थी डील

मिली जानकारी के अनुसार रमेश वैसे छात्रों को तलाशता था, जिन्हें पैसों की जरूरत हो, जो स्मार्टफोन और टूर करने के नाम पर तुरंत फंस जाये. दोनों से जब प्रभात खबर के संवाददाता ने पूछताछ की, तो पता चला कि एक के पिता की मौत हो चुकी है और दूसरे के पिता किसान हैं. रेल एसपी ने बताया कि रैकेट का किंगपिन आरा निवासी रमेश, दोनों छात्रों और ओड़िशा के सप्लायर राहुल से ऑडियो कॉन्फ्रेंस पर बातचीत करता था. उसी पर पूरी डील और ड्रग्स कहां और कब लाना है, यह बताया जाता था. उन्होंने बताया कि दोनों छात्रों ने सासाराम से ट्रेन पकड़ी और वहां से पुरी गये और फिर ड्रग्स लेकर राहुल द्वारा दिये गये एसी टिकट से फिर से डिहरी ऑन सोन के लिए रवाना हो गये. टिकट ओडिशा से गोमा तक का ही था, लेकिन दोनों छात्रों ने मैनेज कर एसी में ही डिहरी ऑन सोन जाने के लिए सीट रिजर्व करवा ली.

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दिल्ली, झारखंड, यूपी और बिहार में भेजनी थी खेप

रेल एसपी के अनुसार रैकेट में कई लोग शामिल हैं. ओड़िशा से गांजा मंगवा कर उसे दिल्ली, झारखंड, यूपी और बिहार में डिलिवरी करते हैं. दोनों छात्रों के मोबाइल से कई सारी जरूरी जानकारियां प्राप्त हुई हैं. ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग का डिटेल मिला और उससे नंबर पता चला है. उन्होंने बताया कि महीने में किंगपिन रमेश चार से पांच बार गांजा मंगवाता था.

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