सभी जिला मुख्यालय से पटना आने के लिए बनेंगी फोरलेन सड़कें
– विधान परिषद में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने दी जानकारी
– आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से सड़कों की मॉनिटरिंग होगी.
संवाददाता, पटनापथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने सोमवार को विधान परिषद में बताया कि इस वर्ष के अंत तक पांच घंटे में कहीं से भी पटना पहुंचा जा सकेगा. 2027 तक चार घंटे में बिहार के किसी भी इलाके से पटना पहुंचा जा सकेगा. इसकी कल्पना को साकार करने के लिए रोड मैप तैयार किया गया है. 2027 तक का रोड मैप भी तैयार कर लिया गया है. किसी भी जिला मुख्यालय से राजधानी आने के लिए फोरलेन की सड़कें कैसे निकले, इस पर भी काम हो रहा है. मंत्री ने कहा कि 2005 के पहले 23 हजार करोड़ रुपये सरकार का कुल बजट हुआ करता था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23367 करोड़ की सड़क योजनाएं केवल प्रगति यात्रा के दौरान बिहार को दी हैं. मुख्यमंत्री ने 137 योजनाओं की घोषणा प्रगति यात्रा के दौरान की थी. उन योजनाओं का डीपीआर बनाया गया है. मई-जून में ये योजनाएं प्रारंभ हो जायेंगी. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से सड़कों की मॉनिटरिंग होगी. मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया, भागलपुर में रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव पहले भेजा गया था. नये सिरे से बेगूसराय और कटिहार में भी रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है. मंत्री ने बताया कि जेपी गंगा पथ उद्यान परियोजना के तहत जेपी गंगा पथ के नजारे को मनोरम बनाया जायेगा. बिहार आने वाले लोग इस पथ को देखकर बिहार की बदली तस्वीर की झलक देखेंगे.
ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी लाने वाला बिहार पहला राज्यमुख्यमंत्री ने कहा कि रोड और पुलों का मेंटेंनेंस किया जायेगा. ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी लाने वाला बिहार पहला राज्य होगा. इसके तहत ब्रिज का हेल्थ कार्ड बनेगा. मंत्री ने बताया कि मुजफ्फरपुर, बांका गया का शेरघाटी की सड़कों को भी मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत लाया जायेगा. यहां की सड़कें पहले इस पॉलिसी से छूट गयी थीं.
जेपी गंगा पथ बनेगा मनोरम6400 करोड़ से दीघा से कोइलवर व दीदारगंज से मोकामा पथ का निर्माण
मंत्री ने बताया कि जेपी गंगा का फर्स्ट फेज दिघवारा से लेकर दीघा तक का है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका विस्तार कर दिया है. दूसरे फेज में दीघा से कोइलवर और दीदारगंज से मोकामा तक पथ का निर्माण 6400 करोड़ रुपये की लागत से होगा. इससे बेगूसराय, मुंगेर, भोजपुर के लोगों के लिए ये बड़ा मार्ग हो जायेगा. मंत्री ने बताया कि एडीबी के तहत 29 सौ करोड़ की लागत से 225 किलोमीटर सड़कें इसी वर्ष बनेंगी. सेकेंड फेज में 6272 करोड़ से 493 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा. 60 में 37 आरओबी की स्वीकृति हो गयी है. बड़े शहरों में मार्केट के लिए अल्टरनेट बाइपास के लिए सुलभ संपर्कता पथ का निर्माण कार्य शुरू किया गया है. इसके तहत राज्य में अल्टरनेट बाइपास की 23 योजनाएं पास की गयी हैं. इस पर दो हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. नाबार्ड के सहयोग से 968 करोड़ रुपये से 41 सड़क योजनाओं का काम हो रहा है. इसके अलावा 680 करोड़ से 23 सड़क योजनाओं का निर्माण कराया जा रहा है.केंद्र से बिहार को 2 लाख 48 हजार करोड़ की योजनाएं मिलीं
केंद्र से बिहार की मिले सौगात की चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि 2015 में 54 हजार करोड़ रुपये की विशेष पैकेज की घोषणा की गयी थी. अब बिहार में 2 लाख 48 हजार करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हो चुकी है. गोरखपुर-सिलीगुड़ी 27 हजार हजार करोड़ से पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे व अन्य सड़कों की सौगात मिली है. 2005 से पहले 300 हजार किलोमीटर ही एनएच की सड़कें थीं. बिहार में छह हजार किलोमीटर सड़कें एनएच में हैं. दो हजार किलोमीटर में फोर लेन, 3 हजार किलोमीटर में टू लेन की सड़कें हैं. आमस-दरभंगा, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे मिला. रक्सौल-हल्दिया पाइप लाइन में है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है