संवाददाता, पटना : आइजीआइएमएस के शिशु रोग विभाग में रविवार को बच्चों में होने वाली मिर्गी बीमारी को पहचाने और तुरंत इलाज शुरू करने के लिए कार्यशाला आयोजित की गयी. इसका उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ बिंदे कुमार ने किया. नयी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के बाल स्वास्थ्य संस्थान में बाल चिकित्सा न्यूरोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रवीण कुमार ने बच्चों में विभिन्न मस्तिष्क रोगों की पहचान के लिए इइजी तकनीक के बारे में बताया. वहीं, डॉ मनीष मंडल ने कहा कि देश में जन्म लेने वाले प्रति हजार बच्चों में से दो से तीन को मंदबुद्धिता, मिर्गी, दिमाग की कमजोरी या अन्य न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होता है.
क्या है इइजी जांच तकनीक
इइजी (इलेक्ट्रो इंसेफैलोग्राम) ऐसी जांच तकनीक है, जो मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि को रिकाॅर्ड कर काफी हद तक रोगों की जानकारी देती है. बच्चों व वयस्कों में जांच की विधि अलग-अलग होती है. गलत निदान से बचने व सही इलाज के लिए डाक्टरों व पीजी छात्र-छात्राओं को जांच प्रक्रिया में अंतर को समझना जरूरी है. कार्यशाला में 50 प्रातिभागियों ने हिस्सा लिया.
72% बच्चों में इइजी असामान्य पाया गया
डॉ प्रो. बिंदे कुमार ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला बहुत आवश्यक है. इससे मेडिकल छात्र बच्चों की इइजी जांच कर बेहतर ढंग व आसानी से विभिन्न दिमागी रोगों का पता लगा सकेंगे. न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चों की समस्याओं का समाधान करने के लिए पीजी छात्रों को इइजी तकनीक सीखनी ही चाहिए. एम्स नयी दिल्ली के 2023 के अध्ययन के अनुसार न्यूरोलॉजिकल विकार से पीड़ित बच्चों में से 72% का इइजी असामान्य पाया गया था. बच्चों में मिर्गी की पहचान के लिए इइजी की संवेदनशीलता 80%, जबकि वयस्कों में 70% है. वहीं, डॉ जयंत प्रकाश ने कहा कि शिशु रोग विभाग में आगे भी ऐसी कार्यशाला होती रहेगी. उन्होंने कहा कि मिर्गी, सेरेब्रल पाल्सी, मेटाबालिक या जेनेटिक समस्याओं, जन्म के समय आक्सीजन की कमी से मस्तिष्क को होनी वाली समस्याओं आदि की पुष्टि इइजी से हो जाती है. इस मौके पर आइजीआइएमएस के संकायाध्यक्ष डॉ ओम कुमार, शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ जयंत प्रकाश व आयोजक सचिव डॉ रिजवान अहमर ने विचार रखे. मौके पर विभाग के डॉ राकेश कुमार, डॉ आनंद कुमार गुप्ता, डॉ अमित कुमार, डॉ मनीष कुमार, डॉ सुनील किशोर, डॉ शाम्भवी शरण आदि उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है