Durga Puja and Chhath Puja Updates: त्योहारों के मौसम में पटना समेत बिहार के कई शहरों में जाम और अव्यवस्था आम बात हो जाती है. दूर्गा पूजा में बाजारों और मेलों के आसपास घंटों की जाम की स्थिति बन जाती है, वहीं छठ पूजा में घाटों और तालाबों पर भीड़ उमड़ पड़ती है. छठ के घाटों पर धक्का-मुक्की, भगदड़ या डूबने जैसी घटनाओं का खतरा बना रहता है.
इस बार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इन स्थितियों को संभालने के लिए 7000 आपदा मित्रों को मैदान में उतारने का फैसला लिया है. जिलाधिकारियों के नेतृत्व में ये युवा भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक नियंत्रण और राहत कार्यों में प्रशासन की मदद करेंगे.
त्योहारों में व्यवस्था सुधार का जिम्मा
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी जिलों को दिशा-निर्देश भेज दिए हैं. इनके अनुसार प्रशिक्षित आपदा मित्रों को सड़क सुरक्षा अभियान से भी जोड़ा गया है ताकि वे न सिर्फ ट्रैफिक संभालें बल्कि लोगों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक भी कर सकें.
दरअसल, पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि दशहरा और छठ जैसे बड़े पर्वों में सड़क जाम और अव्यवस्थित भीड़ सबसे बड़ी चुनौती बनते हैं. ऐसे में आपदा मित्र पुलिस और प्रशासन की ‘अतिरिक्त ताकत’ साबित हो सकते हैं.
गांधी मैदान में हटेगी बैरिकेडिंग
पटना का गांधी मैदान दशहरा और रावण वध के कार्यक्रम का मुख्य केंद्र होता है. हर साल यहां हजारों लोग जुटते हैं. भीड़ के बीच आने-जाने में परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन ने खास कदम उठाए हैं. गांधी मैदान के गेट संख्या चार और पांच के पास लगी मेट्रो की बैरिकेडिंग को हटाकर उत्तर दिशा की ओर कर दिया जाएगा. साथ ही बुडको की ओर से किए गए सड़क कटिंग कार्य को भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने सोमवार को गांधी मैदान और आसपास का निरीक्षण किया और अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि किसी भी स्थिति में आम लोगों को आने-जाने में कठिनाई न हो.

545 पूजा पंडाल, 35 को बताया गया असुरक्षित
पटना जिले में इस बार कुल 545 दुर्गा पूजा पंडाल बनाए गए हैं. इनमें से 35 पंडालों को ‘खतरनाक’ की श्रेणी में रखा गया है. अग्निशमन विभाग की जांच में पाया गया कि इन पंडालों में वायरिंग सही तरीके से नहीं की गई है, जिससे आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.
इन पंडालों के संचालकों को नोटिस भेजा गया है और तीन दिनों के भीतर सभी सुरक्षा मानकों को पूरा करने का निर्देश दिया गया है. जिन पंडालों के आसपास झुग्गी-झोंपड़ियां हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जाएगी.
दमकल विभाग भी अलर्ट मोड पर
पटना जिला अग्निशमन विभाग के पास इस समय 88 दमकल गाड़ियां हैं. इनमें से 80 को दशहरा और छठ के दौरान अलर्ट मोड पर रखा जाएगा. ये गाड़ियां शहर के अलग-अलग हिस्सों में तैनात होंगी ताकि किसी भी आकस्मिक घटना पर तुरंत कार्रवाई की जा सके. अग्निशमन के कमांडेंट मनोज नट के अनुसार, पूजा पंडालों के संचालकों के साथ पहले ही बैठक की जा चुकी है और सुरक्षा इंतजामों की लगातार समीक्षा की जा रही है.
छठ पूजा में भीड़ सबसे ज्यादा तालाबों और घाटों पर उमड़ती है. इस दौरान धक्का-मुक्की, भगदड़ या डूबने जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आपदा मित्र घाटों पर लोगों को कतारबद्ध करने, भीड़ को नियंत्रित करने और जरूरत पड़ने पर राहत कार्य करने में अहम भूमिका निभाएंगे. प्रशिक्षित युवाओं को इस तरह की स्थितियों से निपटने का अनुभव है और यही वजह है कि उन्हें इस बार सीधे त्योहारों की जिम्मेदारी दी गई है.
सुरक्षा और श्रद्धा का संगम
त्योहारों में भीड़ उमड़ना स्वाभाविक है, लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी है कि श्रद्धा का यह उत्सव किसी दुर्घटना का कारण न बने. आपदा मित्रों की तैनाती, बैरिकेडिंग हटाने और दमकल गाड़ियों की अलर्ट मोड पर मौजूदगी से उम्मीद की जा रही है कि इस बार दशहरा और छठ दोनों ही सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से गुजरेंगे.
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