संवाददाता, पटना किलकारी बिहार बाल भवन में रविवार को साहित्यकार और लेखन प्रशिक्षक डॉ वीरेंद्र कुमार भारद्वाज की कहानी संग्रह ‘तपती छांव’ का लोकार्पण सह समीक्षा कार्यक्रम आयोजित हुआ. यह लेखक की 39वीं पुस्तक है, जिसमें 16 कहानियां संकलित हैं. यह पुस्तक समाज की संवेदनाओं और ग्राम्य जीवन की सच्चाइयों को उजागर करती हैं. कार्यक्रम में निदेशक ज्योति परिहार ने कहा कि किलकारी में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन बच्चों में साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाने की सराहनीय पहल है. लेखक को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह साहित्यिक यात्रा यूं ही आगे बढ़ती रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं अनीता राकेश ने कहा कि डॉ भारद्वाज की कहानियां पाठकों को जीवन के गहरे मूल्यों से जोड़ती हैं. वहीं, बतौर मुख्य अतिथि डॉ ध्रुव कुमार ने लेखक की लेखनी की गहराई को रेखांकित करते हुए कहा कि इन कहानियों में चीजों को देखने और समझने का एक विशिष्ट दृष्टिकोण है. लेखक ने संवेदना की अभिव्यक्ति में सच्चाई और ईमानदारी दिखाई है. जबकि, विशिष्ट अतिथि चितरंजन भारती ने कहा कि डॉ भारद्वाज की कहानियों में प्रेमचंदीय परंपरा की झलक मिलती है, जहां आदर्श और यथार्थ का सुंदर समन्वय दिखाई देता है. समारोह में लेखक डॉ वीरेंद्र कुमार भारद्वाज ने बताया कि इन 16 कहानियों को मैंने समाज में घटित सच्ची घटनाओं और उनसे उपजी संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए लिखा है. यह प्रयास पाठकों के दिलों तक पहुंचे, यही मेरी कामना है. समीक्षा करने वाले बच्चों में अतुल राय, सुमन कुमार, प्रवीण कुमार, पीहू कुमारी, पीहू पटेल, आदित्य राज, शौर्य पराशर, सत्यम कुमार, योग्यता सिन्हा, श्रेया कुमारी व अन्य ने किया. कार्यक्रम का संचालन आकृति व अनुराग और धन्यवाद ज्ञापन सुमन ने किया.
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