Chhath Puja: लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारी पटना में तेजी से चल रही है. नगर निगम और जिला प्रशासन की टीमें लगातार गंगा घाटों का निरीक्षण कर रही हैं और रास्तों को दुरुस्त करने में जुटी हैं. कलेक्ट्रेट घाट, पहलवान घाट और राजापुर पुल घाट जैसे प्रमुख स्थलों पर जलस्तर ऊंचा है, रास्तों में दलदल है और मिट्टी का कटाव हो रहा है. इन बाधाओं के बीच लाइटिंग, सुरक्षा और साफ-सफाई की तैयारी भी जोरों पर है ताकि चार दिन बाद शुरू हो रहे पर्व में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
कलेक्ट्रेट घाट पर पांच फुट से अधिक पानी, रास्ते में भी भरा जल
पटना के सबसे व्यस्त घाटों में गिने जाने वाले कलेक्ट्रेट घाट की स्थिति फिलहाल चुनौतीपूर्ण है. शुक्रवार को नगर आयुक्त और जिला प्रशासन की टीम ने यहां का निरीक्षण किया. घाट के कई हिस्सों में पांच से सात फुट तक पानी भरा है. एप्रोच पथ पर भी घुटने तक पानी जमा है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए रास्ता बनाना कठिन हो गया है. तकनीकी अधिकारी आशीष प्रसाद ने बताया कि कुछ दिनों तक जलस्तर घटने का इंतजार किया जा रहा है. इसके बाद एप्रोच पथ को दुरुस्त करने और घाट किनारे बालू से भरे बोरे रखकर सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी. छठ के दौरान यहां भारी भीड़ उमड़ती है, इसलिए बैरिकेडिंग और रोशनी की भी विशेष तैयारी की जा रही है.
अंडरपासों में भरा पानी और सिल्ट, डीज़ल पंप और जेसीबी से चल रहा काम
गंगा पथ के अंडरपास इस वक्त पानी और सिल्ट से भरे पड़े हैं. प्रशासन ने डीजल पंप लगाकर पानी निकालना शुरू कर दिया है. साथ ही जेसीबी मशीनों से मिट्टी भरकर रास्तों को समतल किया जा रहा है. निगम कर्मियों के अनुसार, पानी सूखने के बाद सूखी मिट्टी और बालू डालकर रास्ते को मजबूत और फिसलनमुक्त बनाया जाएगा. अगर अगले चार-पांच दिनों में पानी पूरी तरह नहीं निकला, तो सुपर सकर मशीनों की मदद से इलाके को सुखाया जाएगा. यह रास्ते कलेक्ट्रेट और आसपास के घाटों तक पहुंचने के लिए बेहद अहम हैं.
पहलवान घाट पर तेज धारा से मिट्टी का कटाव, बढ़ा फिसलन का खतरा
पहलवान घाट की स्थिति थोड़ी अलग है. यहां गंगा पथ से घाट तक पीसीसी सड़क बन चुकी है और पहुंच पथ भी अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन नदी की तेज धारा से घाट किनारे की मिट्टी कट रही है. इससे दलदल बनने और फिसलन का खतरा बढ़ गया है. इसको देखते हुए घाट किनारे बैरिकेडिंग की जाएगी और बालू से भरे बोरे रखे जाएंगे ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित रास्ता मिल सके.
राजापुर पुल घाट में मिट्टी का कटाव, गंगा पथ के अंडरपास में भरा पानी
राजापुर पुल घाट पर मिट्टी का कटाव हो रहा है. साथ ही जेपी गंगा पथ के सभी अंडरपास पानी में डूबे हैं. इन इलाकों में भी पानी निकालने का काम जारी है. प्रशासन का कहना है कि अगर समय रहते पानी सूख गया, तो मिट्टी और बालू डालकर रास्तों को मजबूत किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से घाट तक पहुंच सकें.
खतरनाक घाटों की सूची 21 अक्टूबर तक, एडवायजरी भी होगी जारी
कलेक्ट्रेट घाट पर जलस्तर अभी भी अपेक्षाकृत ऊंचा है. वहीं, कृष्णा घाट और दीघा घाट की तरफ की स्थिति बेहतर है और वहां श्रद्धालुओं को अपेक्षाकृत कम दिक्कत होगी. जिला प्रशासन ने कहा है कि सभी सुरक्षा मानकों के आधार पर खतरनाक और अनुपयुक्त घाटों की सूची 21 अक्टूबर तक जारी की जाएगी. जिन घाटों को असुरक्षित पाया जाएगा, वहां श्रद्धालुओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. साथ ही, श्रद्धालुओं और छठव्रतियों के लिए विशेष एडवायजरी भी जारी की जाएगी.
76 सौ हैलोजन और 17 हजार ट्यूबलाइटों से जगमगाएंगे गंगा घाट
छठ महापर्व के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए पटना नगर निगम ने गंगा घाटों पर बड़े पैमाने पर लाइटिंग की व्यवस्था की है. इस बार घाटों पर 17,570 ट्यूबलाइट्स, 22,140 मेटल लाइट्स और 7,685 हैलोजन लगाए जा रहे हैं. ये लाइटें घाटों की सीढ़ियों, पहुंच मार्गों, पार्किंग स्थलों और आसपास के इलाकों में लगाई जाएंगी. नगर निगम आयुक्त यशपाल मीणा ने बताया कि नासरीगंज, कलेक्ट्रेट, महेंद्र, बांस, आदर्श, मीनार, दीघा, एनआईटी और एलसीटी घाटों पर विशेष सजावट की जा रही है. निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जनरेटर की भी व्यवस्था की जा रही है.
हाइमास्ट और स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत तेज, विशेष टीम करेगी निगरानी
दीघा से पटना सिटी तक के क्षेत्र में नगर निगम ने 49 हाइमास्ट लाइट और 620 स्ट्रीट लाइटें लगाई हैं. इनकी मरम्मत और जांच का काम लगातार चल रहा है. घाटों की रोशनी की देखरेख के लिए निगम ने विशेष टीमें गठित की हैं, ताकि पर्व के दौरान किसी प्रकार की अंधेरी या तकनीकी दिक्कत न हो.

