संवाददाता, पटना : वैसे लोग जो ट्रैफिक पुलिस के चालान से बचने के लिए वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर में छेड़छाड़ करते हैं, वे सावधान हो जायें. इन मामलों में पुलिस धोखाधड़ी व जालसाजी की बीएनएस की धाराओं में केस दर्ज कर रही है, जिसमें सजा सात साल या उससे कम है. अगर केस दर्ज हो जाता है, तो फिर आपको कोर्ट से जमानत लेनी पड़ेगी और कई वर्षाें तक परेशान रहने के साथ ही सजा भी हो सकती है. क्योंकि सबूत भी इलेक्ट्रॉनिक है, जिसे कोर्ट में नकारा नहीं जा सकता है. इसलिए यातायात नियमों का पालन करें और रजिस्ट्रेशन नंबर से छेड़छाड़ नहीं करें.
मार्च माह में 105 वाहन मालिकों पर दर्ज हो चुका है केस
अब तक पटना के कई थानों में ऐसे वाहन मालिकों पर केस दर्ज किया जा चुका है, जिनके वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर से छेड़छाड़ की गयी थी. ऐसे लोगों को जमानत लेनी पड़ रही है. अगर वे जमानत नहीं लेते हैं, तो गिरफ्तारी के साथ वाहन भी जब्त हो जायेंगे. पिछले माह 105 केस पटना के विभिन्न थानाओं में दर्ज किये गये. इनमें सबसे अधिक मामले शास्त्रीनगर, सचिवालय, श्रीकृष्णापुरी, पाटलिपुत्र इलाके में दर्ज किये गये हैं.
वाहन कोई चलाये, पर मालिक दर्ज हो रहा केस
खास बात यह है कि वाहन कोई भी चलाये, केस वाहन मालिक पर ही दर्ज किया जा रहा है. गर्दनीबाग का एक मामला है कि महिला ने अपने बेटे को कोचिंग जाने के लिए स्कूटी दे दी. स्कूटी महिला के नाम पर है. बेटे को अपने दोस्तों के बीच रौब जमाने के लिए बिना हेलमेट पहने कोचिंग जाना था, तो उसने रजिस्ट्रेशन नंबर के एक अंक को छिपा दिया, ताकि वह सीसीटीवी कैमरों की नजर से बचा रह सके. लेकिन, ट्रैफिक पुलिस की सर्विलांस टीम के कैमरों में छात्र की तस्वीर और वाहन का नंबर कैद हो गया. इसके बाद इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की सर्विलांस टीम ने वाहन के छिपे हुए एक अंक को खोज निकाला और वाहन मालिक की पूरी डिटेल निकाल लिया. इससे नाम व पता की जानकारी मिल गयी और फिर संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. बेटे ने चालान से बचने के लिए स्कूटी के एक अंक को छिपाया और वाहन मालिक के रूप में रही उसकी मां के खिलाफ में गर्दनीबाग थाने में केस दर्ज हो गया. ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने बताया कि कोई भी व्यक्ति चालान से बचने के लिए इस तरह की हरकत नहीं करें, क्योंकि यह अपराध है और जालसाजी की धाराओं में केस दर्ज कराया जा रहा है. यातायात नियमों का पालन करें.
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