Bihar Traffic Police: पटना. बिहार में चालान के नाम पर ट्रैफिक पुलिस में बड़ा खेल चल रहा है. जिसे जब जैसे चालान थमाया जा रहा है. मामला उजागर होने के बाद विभाग इसे तकनीकी भूल कह कर पल्ला झाड़ ले रहा है, जबकि आम लोग आये दिन इस खेल के शिकार हो रहे हैं. ताजा मामला मुजफ्फरपुर का है. यहां एक वाहन चालक का तेज गति से वाहन चलाने के आरोप में चालान काट दिया, जबकि उसकी गाड़ी की स्पीड कम थी. विभाग ने इस मामले में माना कि यह एक तकनीकी गड़बड़ी थी.
ऐसे कट गया 2000 का चालान
यह मामला तब प्रकाश में आया, जब उस व्यक्ति ने अपनी गाड़ी की गति सीमा नियंत्रित होने के बादवजूद ओवर स्पीडिंग के लिए चालान प्राप्त होने की शिकायत की. मुजफ्फरपुर में सुपौल डीटीओ द्वारा रजिस्टर्ड एक वाहन के लिए ओवर स्पीड का चालान जारी किया गया, जबकि चालान में वाहन की गति शून्य दर्शायी गई है. चालान की राशि 2000 रुपए निर्धारित की गई है. यह आश्चर्यजनक है कि चालान पर बिहार पुलिस के बजाय राजस्थान पुलिस का नाम लिखा गया है. यह घटना 30 जून 2023 को मुजफ्फरपुर शहर के एक प्रमुख मार्ग पर हुई. सुपौल दोटीओ की गाड़ी जिसका नंबर बीआर-50 थी 4599 है, सुपौल से पटना जा रही थी.
सुधार की कोई गुंजाइश नहीं
गाड़ी प्रज्ञा कुमारी के नाम पर रजिस्टर्ड है. गाड़ी के मालिक के पति सनी कर्ण ने बताया कि वह गाड़ी चला रहे थे. रास्ते में गाड़ी को किनारे पर रोकने के लिए उन्होंने गति कम कर दी थी, जो लगभग 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा रही होगी. फिर भी उसके मोबाइल पर ओवर स्पीडिंग का चालान आ गया. ऐसा तब हुआ जब ट्रैफिक पुलिस ने उस वाहन की गति को कम रिकॉर्ड किया और उसे ओवर स्पीडिंग के लिए दोषी ठहराया. जब उन्होंने अपने मोबाइल पर चालान की जानकारी देखी, तो उसमें गाड़ी की गति दर्ज थी. हालांकि विभाग ने तकनीकी गड़बड़ी को स्वीकार किया है, लेकिन सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है. इसका मतलब यह है कि भले ही चालान गलत तरीके से जारी किया गया हो, वाहन मालिक को जुर्माना राशि जमा करनी होगी.
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