Bihar Teacher: पटना में सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के अटेंडेंस पर शिक्षा विभाग की ओर से कड़ी नजर रखी जा रही है. विभाग को शिक्षकों की ओर से फर्जी अटेंडेंस बनाने की शिकायत मिलने के बाद कड़ा रुख अपनाया है. अब ई-शिक्षा कोष पर कोई भी शिक्षक फोटो या किसी तरह से भी फर्जी अटेंडेंस दर्ज कराते हैं तो शिक्षक के साथ ही उस स्कूल के प्रधानाध्यापक को भी दोषी मानकर सेवा मुक्त कर दिया जायेगा.
मॉनिटरिंग सेल की रहेगी कड़ी नजर
जानकारी के मुताबिक, दिसंबर महीने में विभाग की ओर से जिला स्तर पर गठित किये गये मॉनिटरिंग सेल शिक्षकों की उपस्थिति पर कड़ी नजर बना कर रखेगी. इसके साथ ही बिना छुट्टी स्वीकृत कराये स्कूल से अनुपस्थित रहेंगे तो उनको जवाब तलब किया जायेगा. इतना ही नहीं, उस दिन की सैलरी भी काट दी जायेगी. जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से सभी बीइओ को लेटर जारी कर शिक्षकों के अटेंडेस को लेकर सजग रहने को कहा गया है.
टीचर या प्रिंसिपल को नहीं दी जायेगी रियायत
साथ ही इस निर्देश को नजर अंदाज करने पर किसी तरह की कोई रियायत शिक्षक या स्कूल के प्रधानाध्यापकों को नहीं दी जायेगी. मालूम हो, जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य की निगरानी अब टैबलेट से की जायेगी. शिक्षा विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट को अब विस्तार देने का काम शुरू कर दिया है. पहले की बात करें तो, पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले में पांच स्कूलों में एक-एक टैबलेट बांटा गया था.
ट्रांसफर-पोस्टिंग पर क्या बोले थे शिक्षा मंत्री?
इस तरह से शिक्षा विभाग पूरी तरह से एक्शन मोड में है. इससे पहले शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था, ‘विभाग की तरफ से बनायी गयी तबादले की गाइडलाइन पूरी तरह पारदर्शी है. तबादले में ज्यादातर शिक्षकों का पूरा ख्याल रखा गया है. तबादले स्कूल की जरूरत के हिसाब से किये गये. दूरदराज के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य है. इसलिए वहां भी शिक्षक रखे गये. तबादले करते समय यह भी ध्यान रखा गया कि स्टूडेंट-टीचर का अनुपात भी न गड़बड़ाए. ‘

