Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के बाद जब नई सरकार का गठन हुआ तो उपेंद्र कुशवाहा ने अपने कोटे से बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया. पहले तो विपक्षी दलों ने उनके इस फैसले पर सवाल उठाया लेकिन अब ऐसा लग रहे है कि उनकी पार्टी के विधायक को भी ये निर्णय सही नहीं लग रहा है. सीतामढ़ी के बाजपट्टी से विधायक बने रामेश्वर महतो ने एक सोशल मीडिया पर के पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने बिना नाम लिए पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जनता सब देख रही है.
क्या बोले रामेश्वर महतो
RLM विधायक रामेश्वर महतो ने फेसबुक पर लिखा, “राजनीति में सफलता केवल भाषणों से नहीं, बल्कि सच्ची नीयत और दृढ़ नीति से मिलती है. जब नेतृत्व की नीयत धुंधली हो जाए और नीतियां जनहित से अधिक स्वार्थ की दिशा में मुड़ने लगें, तब जनता को ज्यादा दिनों तक भ्रमित नहीं रखा जा सकता. आज का नागरिक जागरुक है- वह हर कदम, हर निर्णय और हर इरादे को बारीकी से परखता है.”

क्या उपेंद्र कुशवाहा की ओर इशारा
रामेश्वर महतो के पोस्ट में किसी का नाम न होने के बावजूद यह माना जा रहा है कि उनका इशारा सीधे RLM चीफ उपेंद्र कुशवाहा की ओर है. इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है. हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में RLM ने एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इनमें से चार उम्मीदवार विजयी हुए. इन विधायकों में बाजपट्टी से रामेश्वर महतो, मधुबनी से माधव आनंद, दिनारा से आलोक कुमार सिंह और सासाराम से कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता शामिल हैं.
क्या विधायक छोड़ेंगे साथ
कुछ दिन पहले विधानसभा सत्र के दौरान स्नेहलता को छोड़कर बाकी तीन विधायक स्पीकर प्रेम कुमार से मिलने पहुंचे थे. उनकी यह मुलाकात भी खूब चर्चा में रही. विवाद तब से बढ़ा है जब नई सरकार बनने के बाद RLM कोटे से मंत्री बनाए जाने की बारी आई तो उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पत्नी सहित सभी विधायकों को साइड कर बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनवा दिया. वह किसी सदन के सदस्य भी नहीं हैं.
इसी फैसले से पार्टी में असंतोष भड़क गया. RLM के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ, प्रदेश महासचिव राहुल कुमार सहित कई नेता पहले ही अपना इस्तीफा दे चुके हैं. अब स्थिति ऐसी है कि कुशवाहा को अपने विधायकों के भी साथ छोड़ने का डर सताने लगा है.
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