Bihar News: बिहार के भोजपुर जिला निबंधन कार्यालय ने आम लोगों के लिए बड़ी राहत की सुविधा शुरू की है. 1990 से अब तक की जमीन रजिस्ट्री की डीड और सर्टिफाइड कॉपी अब महज ₹600 देकर उपभोक्ता अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर सकेंगे.
इस कदम से लोगों को समय और पैसे दोनों की बचत होगी और रजिस्ट्री कार्यालय के झंझट से भी मुक्ति मिलेगी.
भोजपुर से शुरू हुआ डिजिटल प्रयोग
सुविधा भोजपुर जिला निबंधन कार्यालय ने बिहार सरकार की डिजिटल पहल के तहत यह सुविधा शुरू की है. सब रजिस्ट्रार तारकेश्वर पांडेय ने बताया, अब उपभोक्ताओं को डीड और सर्टिफाइड कॉपी जैसे अहम दस्तावेज पाने के लिए बार-बार कार्यालय नहीं आना होगा. यह सुविधा भोजपुर जिले के तीनों रजिस्ट्री कार्यालयों—आरा, जगदीशपुर और पीरो—में उपलब्ध है.
इस डिजिटल व्यवस्था की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उपभोक्ता न केवल भोजपुर जिले में हुई जमीन की रजिस्ट्री की डीड ले सकेंगे, बल्कि बिहार के किसी भी जिले में निबंधित दस्तावेजों की कॉपी भी मोबाइल पर पा सकेंगे. इसके लिए केवल संबंधित जिले का नाम चुनना होगा और निर्धारित शुल्क जमा करना होगा.
1990 से अब तक का रिकॉर्ड ऑनलाइन
निबंधन विभाग ने 1990 से अब तक की सभी जमीन रजिस्ट्री को डिजिटाइज कर वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया है. अब उपभोक्ताओं को कार्यालय में बाबुओं या कातिबों के चक्कर नहीं काटने होंगे. विभागीय वेबसाइट enibandhan.bihar.gov.in पर जाकर कोई भी व्यक्ति सीधे दस्तावेज डाउनलोड कर सकता है.
समय और पैसे की होगी बचत
डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए दी जा रही इस सुविधा से उपभोक्ताओं को न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि उनका कीमती समय भी बचेगा. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इससे निबंधन कार्यालयों में भीड़ कम होगी और फिजूल के खर्च से बचाव होगा. साथ ही, कागज की खपत घटने से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी.
ई-निबंधन पोर्टल पर सिर्फ जमीन से जुड़े कागजात ही नहीं, बल्कि कोर्ट मैरिज और विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए भी आवेदन किया जा सकता है. उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन भरकर निर्धारित शुल्क जमा करेंगे और तय तिथि को कागजात लेकर कार्यालय में उपस्थित होंगे. इससे आवेदकों को हर जानकारी एक ही जगह मिल जाएगी और प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी.
सब रजिस्ट्रार तारकेश्वर पांडेय का कहना है कि बिहार सरकार ने निबंधन विभाग को पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का फैसला किया है. ई-निबंधन के सहारे उपभोक्ताओं को हाईटेक सुविधाएं मिल रही हैं, जिससे पारंपरिक झंझट खत्म हो जाएगा और पारदर्शी व्यवस्था बनेगी.
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