Bihar News: पटना. राज्य के 41 शहरों में शवदाह गृह बनाये जायेंगे. इस पर 248 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. नगरीय इलाकों में अंतिम संस्कार से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 कार्यक्रम के तहत राज्य के जिला मुख्यालयों और अहम नदी घाटों पर विद्युत शवदाह गृह और मोक्षधाम बनाये जा रहे हैं. इस योजना के पहले चरण में 38 जिला मुख्यालयों सहित तीन प्रमुख शहरों या नदी घाटों को शामिल किया गया है. कुल 248.91 करोड़ रुपये की लागत से इन स्थानों पर शवदाह गृह बनाने की योजना को स्वीकृति मिल चुकी है.
स्वच्छता संबंधी समस्याओं से निबटना होगा आसान
नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार का कहना है कि इस योजना से सुशासन कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. उन्होंने कहा कि राज्य में तेजी से बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए सरकार नगरवासियों को हर स्तर पर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है. अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अब अधिक सुव्यवस्थित होगी और प्रभावित परिवारों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी. यह योजना उसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है. मंत्री ने आगे कहा, पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह योजना अहम मानी जा रही है. इससे नदियों को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त रखने में मदद मिलेगी. साथ ही वायु प्रदूषण को भी नियंत्रित किया जा सकेगा. इसके अलावा स्वच्छता संबंधी समस्याओं से निबटना आसान होगा.
41 में से तीन योजनाएं पूरी : सचिव
विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि 41 में से तीन योजनाएं, सुपौल, जहानाबाद और अरवल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 36 अन्य स्थानों पर निर्माण कार्य प्रगति पर है, जबकि बाढ़ और झंझारपुर नगर परिषदों में निविदा प्रकाशित की जा चुकी है. सरकार को उम्मीद है कि यह पहल न सिर्फ पर्यावरण के लिए लाभकारी होगी, बल्कि अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को भी अधिक सम्मानजनक और व्यवस्थित बनायेगी.