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Bihar News: पटना. पूरे शहर को तीन जोन में बांटकर ऑटो रिक्शा परिचालन के 26 रूट निर्धारित कर दिया गया पर पार्किंग के लिए जगह नहीं है. इसके कारण सड़क पर ही ऑटो लगा कर पैसेंजर लेने के लिए ऑटो चालक विवश हैं. इनके सड़क किनारे खड़े होने से सड़क की चौड़ाई घट कर बहुत कम हो गयी है. इससे वाहनों को आने जाने में परेशानी हो रही है और रह-रह कर जाम लग रहा है. इससे हर आने जाने वाले को परेशानी होती है. आम लोगों के हर दिन की परेशानी को सामने लाने के लिए प्रभात खबर की टीम ने शनिवार को शहर के तीन प्रमुख ऑटो रूट पर स्थिति की पड़ताल की.
रूट 1 : सगुना मोड़, जगदेव पथ, आशियाना, राजा बाजार होकर मल्टीलेवल पार्किंग
इस रूट के आखिरी प्वाइंट पर स्थित बहुमंजिली पार्किंग को छोड़कर पूरे रूट में कहीं भी पार्किंग नहीं है. प्रभात खबर की टीम ने पाया कि सगुना मोड़ जहां से इस रूट की शूरुआत होती है वहां भी ऑटो गोलंबर के एक किनारे पर लगे रहते हैं. आगे जगदेव पथ पर भी सड़क के किनारे ही ऑटो रुकते हैं और वहां कोई स्टैंड नहीं है. राजा बाजार में भी ऑटो रुकने का न तो कोई फिक्स प्वाइंट है और न कहीं ऑटो स्टैंड है. आइजीआइएमएस से शेखपुरा मोड़ तक जहां ऑटो चालकों को यात्री दिखता है वह उसे रोक कर चढ़ाते हैं और लोगों को जहां उतरने का मन होता है वहीं उतरते हैं. आगे इस रूट में राजबंशी नगर, पुनाईचक, हाइकोर्ट और पटना वीमेंस कॉलेज के सामने भी कोई ऑटो स्टैंड नहीं है. आयकर गोलंबर पर भी सड़क किनारे से ही ऑटो चालक यात्रियों को उठाते हैं. ऐसी स्थिति तब है जब यह रूट येलो जोन के सबसे व्यस्त रूटों में से एक है. इसमें चलने वाले ऑटो रिक्शा की कुल संख्या 1060 है.
रूट 2 : कुर्जी मोड़ से पाटलिपुत्र और बोरिंग रोड होते हुए मल्टीलेवल पार्किंग
प्रभात खबर की टीम ने पाया कि कुर्जी मोड़ जहां से इस रूट की शुरुआत होती है वहां कोई ऑटो स्टैंड नहीं है और न ही ऑटो के खड़े होने के लिए अलग से कोई जगह ही है. बल्कि बिल्कुल चौराहे के समीप सड़क किनारे ऑटो खड़ा कर ऑटो चालक पैसेंजर उठाते हैं. आगे पाटलिपुत्र गाेलंबर और पानी टंकी मोड़ एएन कॉलेज के सामने भी ऐसी ही स्थिति दिखाई दी. इसके कारण पानी टंकी मोड़ के पास सड़क बेहद संकरी दिखी और इसके कारण वाहनोंं को आने जाने में परेशानी भी दिखी. स्थानीय लोगों ने बताया कि पीक आवर में इससे जाम भी लगता है. बोरिंग रोड चौराहा पर भी ऐसी ही स्थिति दिखी. वहां गाेलंबर पर भी ऑटो खड़ा कर ऑटो चालक पैसेंजर चढ़ाते उतारते दिखे. इसके कारण पीछे से आने वाली कार या अन्य बड़े वाहन ऑटो के कारण जाम में फंसते दिखे. आगे हाइकोर्ट मोड़ और आयकर गोलंबर पर भी ऐसी ही स्थिति दिखी और आखिरी स्टाॅपेज मल्टी लेवल पार्किंग को छोड़कर इस रूट में कहीं भी ऑटो स्टैंड नहीं मिला. येलो जोन के प्रमुख रूटोंं में शामिल इस रूट में चलने वाले ऑटो की कुल संख्या 318 है.
रूट 3 : टाटा पार्क से कंकड़बाग, कुम्हरार और गुलजारबाग होकर पटना सिटी
यह न केवल ग्रीन जोन बल्कि शहर के तीनाें जोन के सभी 26 ऑटो रूटो में सबसे व्यस्त रूट है, जिसमें 4770 ऑटो चलते हैं. इसके बावजूद प्रभात खबर की टीम को इस रूट में भी शुरुआती और अंतिम प्वाइंंट को छोड़कर बीच में कहीं भी ठीक से बना ऑटो स्टैंड नहीं दिखा. टाटा पार्क से सवारी लेकर निकलने के बाद कंकड़बाग मेन रोड में कुम्हरार तक और अशोक राजपथ में गुलजारबाग तक कोई ऑटो स्टैंड नहीं मिला और चालक सड़क किनारे ऑटो रोककर यात्रियोंं को बिठाते और उतारते दिखे. केवल पटना सिटी में चौक थाना के समीप रेलवे का एक ऑटो स्टैंड है जहां ऑटो चालक पटना सिटी तक जाने वाले यात्रियों को उतारते और वापसी में पटना जंक्शन की ओर आने वाले यात्रियों को बिठाते दिखे.
ऑटो स्टैंड के लिए जगह होगी चिह्नित
पटना के डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने कहा कि ऑटो स्टैंड की जरूरत से मैं सहमत हूं. अंचल कार्यालय और नगर निगम को ऑटो स्टैंड के लिए जगह चिह्नित करने के लिए कहा गया है. जगह मिलते साथ हम वहां ऑटो स्टैंड का निर्माण करवाने का प्रयास करेंगे. इसके साथ ही हमलोग वेंडिंग जोन के निर्माण का भी प्रयास कर रहे हैं ताकि सड़क से अतिक्रमण को स्थायी रूप से समाप्त किया जा सके.
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