संवाददाता,पटना विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के बिहार विरासत विकास समिति की ओर से बिहार संग्रहालय में विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये गये. इसका उद्घाटन कला संस्कृति एवं युवा विभाग मंत्री मोती लाल प्रसाद ने किया. उन्होंने कहा कि बिहार में कई संस्कृति, युग और ऐसे धरोहर है जो मौजूद है. मंदार के बारे में कई लोगों को जानकारी नहीं है इसके तथ्य के साथ काम करने की जरूरत है. शहर के कई लोग ऐसे है जो अपने राज्य के विरासत और धरोहर को समझने के साथ-जानने के लिए इच्छुक है. ऐसे में इस तरह के आयोजन को बड़े स्तर पर करने की जरूरत है जिससे लोगों के पास अधिक से अधिक जानकारी मिले. बिहार विरासत विकास समिति की कार्यपालक निदेशक रचना पाटिल ने कहा कि आज के समय में सभी धरोहर का संरक्षण जरूरी है. विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर कई तरह के आयोजन किये है जिसमें विरासत पदयात्रा, प्रतियोगिताएं आदि है. युवा पीढ़ी अपने इतिहास से जुड़े रहे इसके लिए उन्हें इससे जोड़ने की जरूरत है. संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय बिहार की संस्कृति, इतिहास और धरोहर को संभालकर रखे हुए है. यहां धरोहर तो है लेकिन इसके कन्जर्वेशन के लिए कोई लैब नहीं है. भारत सरकार की ओर से पैसे खर्च कर अन्य राज्यों से टेस्टिंग होती है. बिहार में एक कन्जर्वेशन लैब बनाने की जरूरत है. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी प्रणव कुमार ने भी अपने विचारों को रखा. पुस्तक का हुआ विमोचन इस अवसर तेल्हाड़ा का उत्खनन प्रतिवेदन का विमोचन किया गया. पुस्तक का नाम श्री प्रथमशिवपुरा महावीरहार: मगध (पूर्वी भारत) में तेलहारा में उत्खनन और प्रारंभिक मध्यकालीन बौद्ध मठ 2020-2022 है. पुस्तक के लेखक पूर्व कार्यपालक निदेशक डॉ विजय कुमार चौधरी, शोध सहायक बिहार विरासत विकास समिति डॉ अमिति रंजन,, डॉ ओइशी, डॉ अरूण कुमार हैं. डॉ विजय कुमार चौधरी ने तेल्हाड़ा उत्खनन को लेकर अपने विचारों के साथ कई महत्वपूर्ण तथ्यों को साझा किया. इस अवसर पर चित्रकारी प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, लोगो डिजाइनिंग प्रतियोगिता और अन्य सम्बंधित कार्यक्रम आयोजित किये गया. विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों ने अपनी बातों को रखा इस अवसर पर विशेष व्याख्यान के लिए डॉ राकेश तिवारी पूर्व महानिदेशक, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण नयी दिल्ली, प्रो जयदेव मिश्र पूर्व विभागाध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग पटना विश्वविद्यालय, डॉ संजीव कुमार सिंह निदेशक अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या ने दिया. डॉ राकेश तिवारी, सपनों की उड़ान: प्राचीन अभिसरण मार्गों पर विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया. प्रो जयदेव मिश्र ने बिहार में पुरावशेषों की समस्याएं और संभावनाएं विषय पर व्याख्यान दिया. डॉ संजीव कुमार सिंह ने अंग देश की नदीय विरासत विषय पर व्याख्यान दिया. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन अरविन्द कुमार तिवारी उपकार्यपालक निदेशक की ओर से किया गया.
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