बिहार में बाढ़ की आहट होने लगी है. कोसी-सीमांचल इलाके में नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी है. कोसी नदी में हर साल की तरह ही इसबार भी 1 जून से आधिकारिक रूप से बाढ़ की अवधि शुरू हो गयी. नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में प्री-मानसून बारिश के कारण यह तिथि तय की जाती है. इंजीनियर अलर्ट मोड में हैं और तटबंधों की निगरानी में जुट गए हैं. सीमांचल इलाके की नदियों का भी जलस्तर बढ़ा है.
किशनगंज में महानंदा का जलस्तर बढ़ा
किशनगंज में पोठिया प्रखंड अंतर्गत महानंदा नदी का जलस्तर शनिवार की सुबह से अचानक बढ़ने लगा. दियारा इलाके के लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी. हालांकि सीओ ने लोगों को आश्वस्त किया कि अभी घबराने की कोई बात नहीं है. बीते कुछ दिनों से नेपाल के तराई क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हो रही है जिसके कारण महानंदा नदी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है. हालांकि गांव में पानी अभी प्रवेश नहीं कर रहा.
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कई इलाकों में बाढ़ के हालात बने
ठाकुरगंज प्रखंड में बहने वाली नदियों का भी जलस्तर बढ़ा हुआ है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. शनिवार को मेची, चेंगा और महानंदा का जलस्तर तेजी से बढ़ा. मेची नदी में ऊफान आया तो कई जगहों पर ग्रामीणों ने जो अस्थायी चचरी पुल बनाए थे वो बह गए. जिससे लोगों का एक जगह से दूसरे जगह आना-जाना बाधित हुआ है.

गांव-टोलों का संपर्क मुख्यालय से हुआ भंग
ठाकुरगंज प्रखंड के दल्लेगांव पंचायत में मेची नदी पर बने पुल के अधूरा रहने और नदी का जलस्तर बढने से कई टोलों समेत आधा दर्जन गांवों का संपर्क प्रखंड और जिला मुख्यालय से टूट गया है. हालांकि गांव में अभी पानी नहीं घुसा है लेकिन प्रशासन सतर्क है.
अररिया में बाढ़ के हालात बने, उफनाई नदियां
अररिया जिले में भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं. नेपाल में हुई मुसलाधार बारिश से यहां की नदियों में ऊफान है. सिकटी प्रखंड की नुना नदी ऊफनाई हुई है. सिकटी व पलासी प्रखंड के पीपरा बिजवार पंचायत के कई गांवों में नुना नदी का पानी घुस गया है. फसल भी पानी में डूब गए हैं. पड़रिया पंचायत के आधा दर्जन गांव जलमग्न हो गए हैं. परमान नदी का जलस्तर भी बढ़ा.


