Bihar Election 2025: पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सबसे पहले प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. हालांकि पार्टी ने पहले 100 नामों की सूची जारी करने की बात कही थी, लेकिन पार्टी महज 51 उम्मीदवारों के नाम घोषित किये हैं. प्रशांत किशोर इस मौके पर खुद मौजूद नहीं थे, लेकिन उन्होंने इस बात को पत्रकारों के बीच रखा है कि उनकी पार्टी समाज के हर वर्ग को हिस्सेदारी देने में दूसरों से आगे रही है. प्रशांत किशोर के 51 उम्मीदवारों की लिस्ट में 17 अति पिछड़ा, 11 ओबीसी, 9 सवर्ण और 7-7 दलित और मुसलमान शामिल हैं. प्रशांत के ये 51 नाम से जदयू या राजद ही नहीं भाजपा की बैचेनी भी बढ़ गयी है.
जदयू के कोर वोटर पर बड़ा दांव
जन सुराज पार्टी की कैंडिडेट लिस्ट में 30 फीसदी अति पिछड़ा कैंडिडेट ऐसे वर्ग से हैं जो नीतीश कुमार का कोर वोटर माने जाते हैं. ईबीसी वोट बिहार में नीतीश कुमार का वोट माना जाता है. नीतीश कुमार ने इनके लिए कई योजनाएं चलाईं हैं. इस वर्ग को इतनी हिस्सेदारी देना नीतीश के कोर वोट पर सेंध की मंशा जाहिर कर रहा है. नीतीश कुमार के एक और वोट बैंक महिला पर भी जनसुराज की नजर है. प्रशांत किशोर की लिस्ट में 7 महिला और एक ट्रांसजेंडर हैं. अब तक यही माना जाता रहा है कि बिहार की महिलाएं पिछले कई चुनावों में नीतीश के नाम पर वोट डालती हैं. नीतीश कुमार ने पिछले 20 वर्षों में सबसे अधिक अगर किसी समाज के लिए किया है तो वो महिला समाज ही है. हाल ही में 10-10 हजार रुपये का वितरण एक मास्टर स्टोक माना जा रहा है.
राजद के MY पर प्रशांत की नजर
प्रशांत किशोर ने लिस्ट बनाते वक्त न केवल नीतीश कुमार का वोट बैंक देखा, बल्कि लालू यादव के जनाधार पर भी उनकी नजर रही है. जन सुराज पार्टी से ओबीसी को 11 टिकट देना राजद को बहुत बैचेन नहीं करेगा, लेकिन जन सुराज ने पहली लिस्ट में 7 मुसलमान उम्मीदवार बनाया है. 51 में 7 मुस्लिम लगभग 14 परसेंट सीट बनता है. यह लालू यादव को परेशान कर सकता है. प्रशांत किशोर के इस कदम से राजद पर मुस्लिम कैंडिडेट बढ़ाने का प्रेशर बन सकता है. किसी भी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में उनकी चिंता बढ़ाने की ताकत यादव या मुसलमान कैंडिडेट में है. जन सुराज की लिस्ट में दो-तीन नाम ही यादव के हैं.
भाजपा से सवर्ण को छीनने की कोशिश
प्रशांत के 51 नाम जदयू और राजद के साथ-साथ भाजपा को भी बैचेन कर सकता है. भाजपा के कोर वोटर पर भी प्रशांत ने डोरे डाले हैं. जन सुराज पार्टी की लिस्ट में 7 दलित और 9 सवर्ण शामिल हैं. करीब 18 फीसदी टिकट सवर्णों को मिला है. सवर्ण सामान्य रूप से भाजपा के साथ हैं. इस बार कई सीटों पर स्थानीय विधायकों के कारण सवर्ण समाज में कुछ नाराजगी है. प्रशांत ऐसी सीटों पर सवर्ण को टिकट देकर भाजपा की बैचेनी बढ़ा दी है. दरभंगा जैसी सीट पर जनसुराज की ओर से सवर्ण को लड़ाना भाजपा के लिए चिंता का विषय हो सकता है. वैसे दोनों बड़े दलित नेता चिराग पासवान और जीतनराम मांझी के रहते प्रशांत किशोर दलित का वोट अपनी झोली में ला पायेंगे, यह आसान नहीं है.

