राजभवन ने बिहार के विशविद्यालयों के अंगीभूत कॉलेजों में विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा सफल घोषित 116 प्राचार्य की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. राजभवन ने कहा है कि अनुशंसित प्रधानाचार्य की विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों में नियुक्तियां कुलाधिपति प्रतिनिधि के परामर्श पर ही की जायेगी.
राजभवन से फरमान जारी
राज्यपाल सचिवालय के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने बिहार कृषि विवि, बिहार कृषि विज्ञान विवि, आर्यभट्ट नॉलेज विवि एकेयू और नालंदा ओपेन विवि एनओयू को छोड़कर सभी कुलपतियों को इस संबंध मे पत्र लिखकर कुलाधिपति की मंशा से दो टूक अवगत करा दिया है.
सख्त निर्देश दिए गए
प्रधान सचिव ने सभी कुलपतियों से कहा है कि प्रधानाचार्य की रिक्त पदों पर अगले दिशा निर्देश से पहले किसी तरह की नियुक्ति नहीं हो. शिक्षा विभाग ने बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग की अनुशंसा पर 116 चयनित प्राचार्य की सूची कुलपतियों को भेजकर कहा था कि इनकी नियुक्तियां कॉलेजों में कर दी जाए.
कब होगी नियुक्ति…
चोग्थू ने साफ किया है कि सचिवालय की तरफ से तीन मई, 2024 को जारी किये गये परिनियम के प्रावधानों के तहत कुलाधिपति के प्रतिनिधि के परामर्श के बाद ही प्रधानाचार्य को रिक्त पदों पर नियुक्त की जा सकती है. लिहाजा इसके लिए अगल से दिशा निर्देश जारी होंगे.
क्या है कंडिका 3.2.5?
इसमे प्रावधान है कि प्रोफेसर के रूप मे अनुभव रखने वाले प्राचार्य को पीजी शिक्षा प्रदान करने वाले घटक कॉलेजों में तैनात किया जायेगा. केवल स्नातक शिक्षा प्रदान करने वाले कॉलेजों में प्रोफेसर/एसोसिएट प्रोफेसर का अनुभव रखने वाले व्यक्ति को कुलपति की तरफ से कुलाधिपति की तरफ से नामित प्रतिनिधि/प्रतिनिधियों के परामर्श से तैनात किया जायेगा.
कंडिका 6.1 के प्रावधान
कुलाधिपति की तरफ से नामित व्यक्ति के परामर्श से कुलपति विशविद्यालय सेवा आयोग की तरफ से अनुशंसित अभ्यर्थियों की सूची में से लागू ग्रेड और वेतनमान के भीतर तथा नियमानुसार स्वीकृत संख्या के भीतर प्राचार्य की नियुक्ति करेंगे.
114 अंगीभूत कॉलेजाें में होनी थी नियुक्ति
- पटना विवि 05
- एलएनएमयू 19
- तिलका मांझी विवि 10
- पाटलिपुत्र विवि 11
- केएसडीएस 03
- वीकेएसयू 09
- जेपी विवि 04
- मगध विवि 05
- भीमराव अंबेडकर विवि 22
- मुंगेर विवि 13
- पूर्णिया 07
- बीएनएमयू 08