Bihar News: पटना के DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बेलछी के CO पीयूष मिश्रा पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. CO पर वरिष्ठ भूमि सुधार अधिकारी के साथ फोन पर अभद्र व्यवहार और बेलछी की प्रखंड प्रमुख पल्लवी देवी द्वारा दुर्व्यवहार की शिकायतों के आधार पर DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने यह कड़ा कदम उठाया है.
बाढ़ के SDO द्वारा प्रपत्र ‘क’ के तहत विस्तृत आरोप पत्र भेजे जाने के बाद, DM ने इस मामले को गंभीर मानते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा भी की है. बताया गया कि पीयूष मिश्रा का व्यवहार लगातार असहयोगात्मक था, जिससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया बाधित हुई बल्कि जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय की स्थिति भी बिगड़ी.
जवाबदेही तय करने की मिसाल
यह कार्रवाई उस समय हुई जब जिले में पारदर्शिता और प्रशासनिक उत्तरदायित्व को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. DM की इस त्वरित कार्रवाई को जनता के बीच सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है, जहां एक तरफ अफसरों की जवाबदेही तय की जा रही है तो वहीं जनप्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से सुना भी जा रहा है.
अब सरकारी जमीन सत्यापन में लापरवाही पर भी शिकंजा
इस घटना के तुरंत बाद एक और सख्ती की झलक देखने को मिली है. राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी जिलों के DM को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी जमीनों के सत्यापन में लापरवाही बरतने वाले अंचलाधिकारियों पर भी अब सख्त कार्रवाई की जाएगी. विभागीय समीक्षा में यह सामने आया कि अब तक करीब 26 लाख खेसरा की प्रविष्टि हुई है, लेकिन सिर्फ 22.61% का ही सत्यापन अंचल अधिकारियों के स्तर से हो पाया है.
विशेष रूप से भोजपुर और पश्चिमी चंपारण जैसे जिलों में सत्यापन की गति बेहद धीमी पाई गई है. बगहा क्षेत्र में तो “डेटा नॉट फाउंड” जैसी तकनीकी समस्याएं सामने आई हैं, जिसकी जानकारी वहां के अपर समाहर्ता ने समीक्षा बैठक में दी.
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अधिकारियों को मिला स्पष्ट निर्देश
सभी अंचल अधिकारियों को अब यह निर्देश दिया गया है कि जिला मुख्यालय से भेजे गए पत्रों की अलग से पंजी में प्रविष्टि करें और उसका अवलोकन राजस्व कर्मचारी से करवाकर उनके हस्ताक्षर भी लें. इसका उद्देश्य विकास परियोजनाओं के लिए सरकारी जमीन की शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करना है.