संवाददाता, पटना किलकारी बाल भवन ने कुछ दिन पहले अपने 16 साल पूरे किये हैं. किलकारी बाल भवन पहली बार अपना एलुमिनाइ मीट आयोजित करने वाला है. यह अगले साल मार्च में आयोजित होगा, जिसमें करीब एक हजार लोग शामिल होंगे. इस मौके पर 15 पूर्व बच्चों पर किताब का विमोचन होगा. इस किताब का नाम बूंद बनते मोती है, जिसमें उन बच्चों की कहानियां लिखी गयी हैं, जिन्होंने अपनी अलग पहचान बनायी है. इसमें वैज्ञानिक के रूप में अग्रसर अर्पित, हेमा, हौसले की उड़ान, धनंजय मुखर मूर्तियों का मूक शिल्पी, समाज की बेड़ियों को तोड़कर आगे बढ़ी प्रभा, छोटी-सी उम्र में बड़े हादसों से उबर कर, फिल्मकार बनीं प्रियस्वरा, रंजीत, फोटोग्राफी- क्षेत्र की विरल प्रतिभा, कोमल बन गयी सीमा- प्रहरी, धूल का फूल मुनटुन, मैदानों की मिताली बनी पर्वतारोही, खोजी प्रवृत्ति का लगनशील अभिनव, रचनात्मकता का पर्याय कादम्बिनी, मिथक को तोड़कर, एक नयी दुनिया गढ़ने वाला हुसैन जैसी कहानियां हैं. किलकारी बाल भवन की निदेशक ज्योति परिहार ने कहा कि यह एक मूल्यांकन होगा, जिसकी वजह से यह जान पायेंगे कि बच्चों को इस संस्थान से कितना फायदा हुआ. वह अपने अनुभवों को भी साझा करेंगे, जिससे बच्चों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. किलकारी से जुड़े लोगों ने बताया कि दशहरा और छठ पर कुछ बच्चे यहां आये थे, जिनसे एलुमिनाइ मीट के बारे में चर्चा की गयी. इसमें यह पाया गया कि बच्चे मार्च और अक्तूबर में घर आते हैं. ऐसे में अगले साल मार्च में इसके आयोजन को लेकर बच्चों से बात की जा रही है.
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