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गांधीजी के विचारों में ही समाधान, उनकी बातें आज भी प्रासांगिक : नीतीश

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि गांधीजी के विचारों में ही समाधान है, उनकी बातें आज भी प्रासांगिक है. चंपारण सत्याग्रह के 100 साल के अवसर पर प्रभात खबर की ओर से आयोजित ‘गांधी की राह, देश की जरुरत’ विषयक एक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि गांधीजी के विचारों में ही समाधान है, उनकी बातें आज भी प्रासांगिक है. चंपारण सत्याग्रह के 100 साल के अवसर पर प्रभात खबर की ओर से आयोजित ‘गांधी की राह, देश की जरुरत’ विषयक एक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि गांधीजी के विचारों में ही समाधान है, उनकी बातें आज भी प्रासांगिक है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 को चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी के रुप में मनाया जा रहा है.

नीतीश ने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह में हमारा मुख्य अद्देश्य है गांधी जी के विचारों को घर-घर पहुंचाना. उन्होंने कहा कि गांधीजी को सब मानते हैं, पर गांधीजी के विचारों को अपनाने के लिए कोई नजरिया नही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बापू के विचारों को लेकर घर-घर दस्तक देंगे. गांधीजी के जीवन एवं उनके विचारों पर फिल्मों को प्रदर्शित किया जा रहा है. साथ ही गांधी रथ के माध्यम से हर एक गांव एवं बसाबटों तक गांधीजी के फिल्मों का प्रदर्शन कराया जा रहा है.

सीएम नीतीश ने कहा कि शीघ्र ही महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित 50 कहानियों का एक संग्रह तैयार कर सभी विद्यालयों में भेजा जायेगा जिसे प्रार्थना के तत्काल बाद छात्र-छात्राओं को बताया जायेगा ताकि वे गांधीजी के विचारों से अवगत हो सके. उन्होंने कहा कि गांधीजी के जीवन एवं विचारों पर कई प्रतियोगितायें भी आयोजित की की जाएंगी और पुरस्कार भी दिए जाएंगे. हमारा एक ही लक्ष्य है, गांधी जी के विचारों को जनजन तक पहुंचाना.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह की कडी में 10-11 अप्रैल को दो दिवसीय राष्ट्रीय विमर्श का कार्यक्रम किया गया, जिसमें देश भर से प्रख्यात गांधीवादी विचाराकों ने गांधीवादी ज्ञान और दर्शन के बारे में अपने विचारों को साझा किया. उन्होंने कहा कि इस पूरे कार्यक्रम में हमारी युवा पीढी उपस्थित रही और उन्होंने न केवल उन विचारों को सुना बल्कि ऐसा प्रतीत हुआ कि युवा पीढी की इसमें पूर्ण सहभागिता थी.

नीतीश कुमार ने कहा कि 10 अप्रैल वह ऐतिहासिक दिन था जिस दिन गांधी जी चम्पारण जाने के लिए पटना पधारे थे. वे पटना से मुजफ्फरपुर गये थे, वहां पर कुछ दिन ठहरे थे, इसके पश्चात वे मोतिहारी गये थे। वहां जो कुछ भी हुआ उससे आप सभी अवगत हैं. उन्होंने कहा कि राजकुमार शुक्ल ने गांधी जी को आमंत्रित किया था. गांधीजी ने उनका आमंत्रण स्वीकार किया था. गांधीजी के चम्पारण सत्याग्रह ने जो रुप धारण किया, इससे न सिर्फ इस क्षेत्र में हो रहे किसानों पर अत्याचार समाप्त हुआ बल्कि इससे पूरे देश में संदेश पहुंचा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह का पूरे आजादी के इतिहास में विशिष्ट योगदान है. हम लोगों ने चम्पारण सत्याग्रह के 100 साल पूरा होने के अवसर पर अनेक कार्यक्रम अब तक आयोजित किये हैं. 11 अप्रैल को मुजफ्फरपुर में भी चम्पारण सत्याग्रह स्मृति समारोह आयोजित किया गया. उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल 1917 को मुजफ्फरपुर की अदालत में ही गांधीजी की पेशी हुई थी, जहां गांधीजी के तर्क और अपार समर्थन को देखते हुये उन्हें बिना जमानत के छोडना पड़ा था. साथ ही साथ मुकदमा भी उठाना पड़ा था.

नीतीश कुमार ने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के सिलसिले में 17 अप्रैल को पटना में देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया और खूब उत्साह के साथ वे लोग पटना में आये. उन्होंने कहा कि गांधी जी की स्थिति देवता जैसी होती जा रही है. लोग गांधी जी की पूजा करना चाहते हैं.

सीएम नीतीश ने कहा कि गांधी जी के बारे में अगर कोई गलत बोलता है तो लोगों को बुरा लगाता है. हम नयी पीढी तक गांधीजी के विचारों को पहुचायेंगे और उनके विचारों को ग्रहण करने के लिए उन्हें प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर नयी पीढी का 10 से 15 प्रतिशत भी गांधीजी के विचारों के प्रति आकर्षित हो जाये और गांधी जी के विचारों को समझ लें तो आने वाले समय में समाज बदल जायेगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गांधी जी ने कहा था कि पृथवी से जो हमें मिलता है, वह हमारी आवश्यक्ता पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं है लेकिन हमारे लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण के साथ अन्याय कर रहे हैं. आज मनुष्य की निर्भरता उपकरणों और टेक्नालाजी पर बढती जा रही है पर उनके प्रतिकूल प्रभाव जीव जंतु एवं मानव पर क्या पड रहा है इसपर कोई चर्चा नहीं हो रही है.

नीतीश ने कहा कि आज घरों से गोरैया पक्षी लुप्त हो गयी है. पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ के कारण गंगा की अविरलता प्रभावित हुई है. इस संगोष्ठी में भाग लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय और राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने मजाहिए लहजे में कहा कि भाजपा और राजद के बीच लड़ाई से जुड़ी रिपोर्ट से हर दिन अखबार के पन्ने भरे होते हैं, पर देखें किस प्रकार से गांधी जी के विचारों ने उन्हें एकसाथ यहां ला दिया.

उन्होंने अपनी सरकार के गांधी जी के बताए गए रास्ते पर चलने के उदाहरण के तौर पर प्रदेश में पूर्णशराबबंदी और महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया. संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गांधी जी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने गांधी जी के परिवार में केवल जन्म लेकर कोई उनके जैसा नहीं बन सकता बल्कि उनके रास्ते पर चलना होगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केवल 56 इंच का सीना रखने से काम नहीं चलेगा गांधी जी के मार्ग पर चलने के लिए शेर का जिगर चाहिए. संगोष्ठी को गांधीवादी विचारक रजी अहमद, कुमार प्रशांत और वरिष्ठ पत्रकार मधुकर उपाध्याय ने भी संबोधित किया.

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