पटना : बिहार एसएससी के क्वेश्चन पेपर लीक मामले में कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया है कि सेंटर पर चूक हुई है. उन्होंने यह भी कहा है कि पेपर लीक हुआ लेकिन इसकी जानकारी उन्हें समय पर नहीं दी गयी. नहीं तो, वे उसी दिन रद्द कर देते. अध्यक्ष से सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर बात की प्रभात खबर संवाददाता रविशंकर उपाध्याय ने. प्रस्तुत है, बातचीत के प्रमुख अंश.
क्या पेपर लीक हुआ है?
एसआइटी के अफसर जो पेपर लेकर आये वो हमारा ही पेपर था. इससे स्पष्ट है कि पेपर लीक हुआ है. हालांकि पुलिस तीन दिन के बाद उस पेपर को हमारे पास लेकर आये, यही चीज उस दिन बता देते, मैसेज-व्हाट्सएप कर देते तो हम ही परीक्षा रद्द कर देते. अब सरकार इस मसले पर फैसला लेगी.
पेपर कहां से लीक हुआ?
4.5 लाख कैंडिडेट, 38 जिलों के कलेक्टर और एसपी, 700 से ज्यादा सेंटर के लोग इस परीक्षा में पूरी तरह इन्वाल्व थे. किसने गलती की यह तो जांच करना एसआइटी का काम है. हमारा ऑर्गनाइजेशन तो 20-30 लोगों का है. हम क्या कर सकते हैं?
किसको जिम्मेवार मानते हैं, कहां चूक हुई है?
732 सेंटर है सभी सेंटर पर मोबाइल चेक करने का आदेश है. हमने सारी व्यवस्था की है और सरकार को रिपोर्ट देते रहे हैं. इस मामले में स्पष्ट है कि सेंटर पर चूक हुई है. सरकार को देखना चाहिए, क्योंकि हमारा छोटा संगठन है. ट्रेजरी लेवल पर चूक हुई या नहीं ये नहीं पता. पेपर खुलने के बाद ही लीक हुआ होगा ना? ट्रेजरी अफसर थोड़े खोलता है. खोलता ताे सेंटर वाला है.
क्या आगामी परीक्षा कैंसिल होगी?
इस विषय में हमने चीफ सेक्रेट्री के साथ बात की है, उनका जो डिसिजन होगा उसके बाद तय होगा कि 19, 26 फरवरी को परीक्षा होगी या नहीं होगी? हमें आज यदि सीएस का निर्देश मिल गया तो आज ही फैसला लेना होगा गुरुवार तक हमको हर हाल में तय कर लेना होगा.
क्या बोर्ड का स्ट्रेंथ कम है?
जहां 18 लाख लड़के परीक्षा दे रहे हैं वहां 30 कर्मचारियों का समूह क्या करेगा? आप जानते नहीं है कि हमारी ताकत क्या है? ऑफिस एकांत में जहां रात में कोई आ जाता है, रेड भी हो चुका है. हमने सरकार को इस बारे में कब का बताया था. अभी अभी सरकार ने जेई और ऑडिटर की परीक्षा सरकार ने रद्द कर दिया. हमसे पूछा गया था तो हमने कहा कि रद्द कर दीजिए.

