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BUDGET 2017 : नीतीश बोले, आम बजट बिल्कुल निराशजनक

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा में आज पेश आम बजट को पूरी तरह निराशजनक बताते हुए कहा कि इसमें वापस आये कालाधन और जाली नोट को स्पष्ट नहीं किया गया है. नीतीश ने कहा कि यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की उम्मीद जगाने वाला नहीं है और निराशाजनक […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा में आज पेश आम बजट को पूरी तरह निराशजनक बताते हुए कहा कि इसमें वापस आये कालाधन और जाली नोट को स्पष्ट नहीं किया गया है. नीतीश ने कहा कि यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की उम्मीद जगाने वाला नहीं है और निराशाजनक है और ऐसा लगता है कि नारे देने जारी रहेंगे और जमीन पर क्या होगा यह तो सबके सामने है.

नीतीश ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के पहले बिहार को 1.65 लाख करोड़ रुपये का विशेष पैकेज और विशेष दर्जा दिए जाने पर विचार करने का वादा किया गया था पर उसकी भी इस बजट में कोई चर्चा नहीं. उन्होंने कहा कि यही नहीं बीआरजीएफ के मद में बिहार के 6200 करोड़ रुपये बकाया रह गया था, इस बजट में यह भी जिक्र नहीं कि कब तक यह दिया जाएगा.

नोटबंदी का नीतीश ने कहा कि हमारे जैसे जिन लोगों ने भी नोटबंदी का समर्थन किया था वे भी जवाब चाहते हैं कि जाली नोट कितने पकड़ में आए पर इसको लेकर भी निराशा हाथ लगी. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने बड़ी जमा की गयी राशि पर सरचार्ज लगाए जाने की बात कही है पर इसे लागू होने में समय लगेगा.

कैशलेस और डिजीटल लेनदेन को लेकर जो तरह तरह की बातें की जा रही हैं बजट में इसके लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए कोई बात नहीं कही गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग कैशलेस इकोनॉमी या डिजिटल ट्रांजेक्शन की बात करते हैं उस संबंध में हमलोग तो प्रारंभ से ही प्रश्न उठा रहे हैं कि भारत जैसी अर्थ व्यवस्था में पूरे तौर डिजिटल ट्रांजेक्शन होना संभव नहीं है. यहां विभिन्न क्षेत्रों में नकदी का जो उपयोग होता है यह लोगों की आदत है और इसके अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है.

उन्होंने कहा कि बिहार जैसे राज्य में जहां 8400 ग्राम पंचायत है जिनमें 2500 से भी ज्यादा ग्राम पंचायतों में एक भी बैंक की शाखा नहीं है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री टेलिकॉम की चर्चा कर रहे थे किन्तु टेलिकाम प्रक्षेत्र में कॉलड्रॉप की समस्या के निदान हेतु कोई कदम नहीं उठाये गये हैं. एक तरफ आप डिजिटल ट्रांजेक्शन की बात करते हैं और दूसरी तरफ टेलिकॉम सेक्टर में नेटवर्क की समस्या है.

नीतीश कुमार ने कहा कि केवल नारों से काम नहीं ल सकता. डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढावा देने के लिये उसके बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आवश्यक होगा वरना तब तक तो कैश ट्रांजेक्शन ही चलेगा. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद लोगों ने समस्याओं को झेला और शिकायत नहीं कि और यह सोचा कि जो दो नम्बर के कमाई का पैसा है वह बाहर आयेगा.

केंद्रीय वित्त मंत्री को बताना चाहिये था कि दो नम्बर की कमाई कितना पैसा बाहर आया और कितना कालाधन उजागर हुआ और बेनामी संपति को किस प्रकार आप जब्त करने जा रहे हैं तब तो सचमुच देश का भला होता और यह जो समानांतर अर्थव्यवस्था है वह ध्वस्त होती. इससे देश की अर्थव्यवस्था का विस्तार होता और हमारा विकास दर बढता, कराधान बढ़ता. हम लोग तो ऐसे भी हर ऐसे कदम का जो जनहित में देशहित में हो उसका समर्थन करते हैं.

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 में किये गये वादे के अनुरुप किसानों के फसलों के लिये कृषि उपज के लागत पर पचास प्रतिशत जोडकर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के संबंध में कोई चर्चा बजट में नहीं की गयी है जो निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि देश के पूर्वी क्षेत्र में हरित क्रांति की कोई चर्चा बजट में नहीं की गयी है जबकि कृषि विकास की असीम संभावना इसी क्षेत्र में है.

नीतीश ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजना में कार्य कर रहे कर्मियों यथा आंगनबाडी सेविका एवं सहायिता आशा कर्मी तथा मध्याह्न भोजन योजना के रसोया के मानदेय में वृद्धि के संबंध में कोई घोषणा बजट में नहीं की गयी है. राज्य सरकार ने कुछ अतिरिक्त अपनी ओर से दे दिया लेकिन उसपर भी कोई चिंता नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल बजट को आम बजट में समाहित करके रेलवे की स्वायत्ता एवं कार्य कुशलता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है और इसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होंगे. एक लाख करोड़ रुपये की राशि से रेल संरक्षा कोष के गठन की घोषणा की गयी है परंतु इसमें केंद्र सरकार एवं रेल मंत्रालय की हिस्सेदारी को स्पष्ट नहीं किया गया है.

चुनाव सुधार के संबंध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि ऐसा सुधार होना चाहिये कि चुनाव के दौरान पैसे का महत्व ही समाप्त हो जाये. पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ई अहमद के निधन के बावजूद आम बजट पेश करने पर नीतीश ने कहा कि सबकी संवेदनशीलता अलग अलग होती है.

गरीब विरोधी बजट : तेजस्वी

वहीं, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आम बजट को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि बजट में बिहार की अनदेखी की गयी. स्पेशल पैकेज का वादा भी पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि ई अहमद को श्रद्धांजलि के बाद संसद स्थगित होना चाहिए थाऔर बजट को कल पेश करना चाहिए था.

निराशाजनक बजट:सिद्दकी

बिहार के वित्त मंत्री सिद्दकी ने बजट को निराशाजनकबताया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बिहार से किया वादा नहीं निभाया. स्पेशल पैकेज नहीं तो बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को कुछ मिलना चाहिए था. बजट में बिहार का नाम सुनने को तरस गया. मालूम नहीं पीएम मोदी क्यों बिहार से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए भी इस बजट में कुछ नहीं है. बिहार सरकार के मांगों को बजट में कोई जगह नहीं दी गयी है.

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