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बिहार बोर्ड ने की 36 और कॉलेजों की मान्यता रद्द, FIR की तैयारी

पटना : गलत तरीके से कॉलेज की संबंद्धता लेने के मामले में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने फिर 36 कॉलेजों पर कार्रवाई की है. समिति की जांच में मानक पर खरे नहीं उतरने वाले 36 कॉलेजों की मान्यता को रद्द कर दिया गया है. वहीं, समिति ने सुपौल के दो कॉलेज पर एफआइआर भी दर्ज […]

पटना : गलत तरीके से कॉलेज की संबंद्धता लेने के मामले में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने फिर 36 कॉलेजों पर कार्रवाई की है. समिति की जांच में मानक पर खरे नहीं उतरने वाले 36 कॉलेजों की मान्यता को रद्द कर दिया गया है. वहीं, समिति ने सुपौल के दो कॉलेज पर एफआइआर भी दर्ज करवायी है. अशर्फी दास साहू समाज इंटर महिला महाविद्यालय, निर्मली, सुपौल और मिल्लत कॉलेज, बीरपुर, सुपौल की जांच में पाया गया है कि ये दोनों कॉलेज बिना संबद्धता प्राप्त किये ही नामांकन ले लिया. इसके अलावा प्रदेश भर के पांच कॉलेजों की दुबारा जांच करवायी जायेगी. वहीं दो कॉलेजों को सुधार के लिये छह महीने का समय दिया गया है.

जांच के बाद कॉलेजों की मान्यता हुई रद्द

ज्ञात हो कि दस दिन पहले समिति ने प्रदेश भर के 52 कॉलेजों की मान्यता को रद्द किया था. अब कुल मिला कर 213 कॉलेजों में 88 कॉलेजों की मान्यता को रद्द कर दिया गया है. वहीं अब तक 150 कॉलेजों की जांच पूरी हो चुकी है. जिन कॉलेजों की संबद्धता को रद्द किया गया है, उन कॉलेजों को समिति ने कारण बताओ नोटिस भेजा है. इसके लिये कॉलेज को 15 दिनों का समय दिया गया है. समिति के अनुसार 15 दिनों के अंदर कॉलेज से पूछा गया है कि उन्हें गलत सूचना पर समिति ने मान्यता दिया था. उनके इस फर्जी और झूठ बाेलने के कारण समिति उनके ऊपर क्यों न प्राथमिकी करें.

खोल लिया कॉलेज, जाने का मुख्य द्वार ही नहीं

किसी कॉलेज के पास भवन नहीं तो कोई खेत में काॅलेज चला रहा है. ऐसा ही एक काॅलेज अरवल जिला का है जहां पर कॉलेज जाने के लिये कोई रास्ता ही नहीं है. एमआर वीमेंस माध्यमिक विद्यालय, कलेर, अरवल की जांच के लिये जब जांच कमेटी कॉलेज गयी तो उन्हें जाने तक का रास्ता नहीं मिला. खपरैल के दो कमरे बने थे. जो काफी जर्जर स्थिति था. कभी भी गिर सकता है. भवन के अंदर इतनी ज्यादा संख्या में बड़े-बड़े पेड़ उग आये थे जो जंगल जैसा लग रहा था.

एक भवनो, कई शिक्षण संस्थान

कई कॉलेजों ने तो एक ही भवन में कई शिक्षक संस्थान चला रहे हैं. जांच कमिटी के अनुसार कॉलेज के लिये दिखाये गये भवन कॉलेज कम कोचिंग संस्थान अधिक दिख रहे थे. त्रिमूर्ति उच्च माध्यमिक विद्यालय, इस्माइलपुर, पुनपुन ऐसे ही कॉलेजों में से है. यहां पर कॉलेज के अलावा मूर्ति संध्या विद्यालय भी चल रहा था. इसके अलावा कोचिंग संस्थान भी चल रहे थे. वहीं सचिया अमृत उच्च माध्यमिक विद्यालय सुपौल में एक ही भवन में कई शिक्षण संस्थान चल रहे थे.

बोर्ड अध्यक्ष ने कहा, प्राथमिकी दर्ज होगी

पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने सबसे अधिक गया से 32 और छपरा से 23 कॉलेजों की संबंद्धता दे दिया था. इन दोनों जिलों के तमाम कॉलेजों की जांच पूरी हो चुकी है. जांच में कई गड़बड़ी है. जल्द ही इन कॉलेजों पर भी समिति की आेर से कार्रवाई की जायेगी. वर्तमान अध्यक्ष आनंद किशोर ने मीडिया को बताया ि 213 काॅलेजों में 150 की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है. मंगलवार को 36 और कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दिया गया है. सितंबर के अंतिम सप्ताह में सारी जांच पूरी हो जायेगी. दो कॉलेजों को संबद्धता प्राप्त हुआ नहीं और उन्होंने नामांकन ले लिया. इस पर इन दो कॉलेजों पर एफआइआर समिति की ओर से किया जायेगा.

इन शहरों के इतने कॉलेजों की गयी मान्यता

बिहार के विभिन्न जिलों में स्थित कई कॉलेजों की मान्यता रद्द की गयी है. जिसमें पटना के चार, नवादा के दो, रोहतास के दो, गोपालगंज के चार, खगड़िया के एक बांका के एक, जमुई के एक, भागलपुर के एक, मुजफ्फरपुर के तीन, समस्तीपुर के दो, सीवान के एक, सहरसा के एक, पूर्णिया के एक, औरंगाबाद के एक बक्सर के एक, जहानाबाद के दो, अरवल के छह, लखीसराय के एक, गया के एक कॉलेज शामिल हैं.

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