सीवान: बिहार के एक मंत्री तथा राजद के एक विधायक के सीवान जेल में राजद के पूर्व बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन से मुलाकात किए जाने पर भाजपा सहित अन्य विपक्षी दलों ने मंत्री से इस्तीफा दिए जाने की मांग की है. अल्पसंख्यक मंत्री अब्दुल गफूर और रघुनाथपुर से राजद विधायक हरिशंकर यादव ने गत रविवार को हत्या, अपहरण सहित अन्य आपराधिक मामलों में वर्ष 2005 से सीवान जेल में बंद शहाबुद्दीन से मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया में जारी हुई थी.
सीवान के जेल अधीक्षक राधेश्याम सुमन ने इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए इसे जेल के नियम के अनुसार बताते हुए इसमें किसी प्रकार से जेल नियम की अवहेलना से इंकार किया.बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने मंत्री अब्दुल गफूर को तुरंत हटाए जाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि शहाबुद्दीन से मंत्री और सत्तापक्ष के विधायक की मुलाकात तथा पिछले महीने एक लडकी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी नवादा विधायक राज बल्लभ यादव की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने से जनता के बीच संदेश गया है कि उन्हें राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है.
बिहार विधानमंडल परिसर में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुशील ने आरोप लगाया कि यह सर्वविदित है कि अगर राजद प्रमुख लालू प्रसाद चाहते तो पिछले एक महीने से फरार राजबल्लभ यादव को 24 घंटे के भीतर आत्मसमर्पण करना पडता. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास राजद विधायकों और लालू प्रसाद की पार्टी के नेताओं पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं है, जो कि राजद के 81 विधायकों की मदद से अपने पद पर बने हुए हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने राज्य सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश के मंत्री और सत्तापक्ष के एक विधायक के जेल में बंद सजायाफ्ता शहाबुद्दीन के साथ ‘दरबार’ लगाया जाना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘कानून के राज’ के दावे पर प्रश्न खडा करता है.
उन्होंने अपराधियों और राज्य सरकार के बीच सांठगांठ होने का आरोप लगाते हुए पूछा कि ‘जनता कैसे कानून के राज के दावे पर विश्वास करेगी’. नंदकिशोर ने कहा ‘अगर मुख्यमंत्री बिहार में कानून के राज का संदेश देना चाहते हैं तो उन्हें इस घटना पर चुप्पी तोडनी चाहिए और मंत्री और विधायक के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी बताना चाहिए’. राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मंत्री अब्दुल गफूर को जेल में शहाबुद्दीन के साथ अल्पाहार करते हुए तस्वीरों में दिखाया गया है, इसके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इसे टालते हुए शिष्टाचार मुलाकात बताते हुए कहा कि इसमें कोई ऐसी बडी बात नहीं है.
उन्होंने कहा कि वह जब जेल में थे तो उनसे मिलने लोग आया करते थे और उन्हें अल्पाहार के तौर स्नैक्स दिया करते थे। ऐसे में मंत्री गफूर शहाबुद्दीन से मिले गये और साथ खाने में कौन सी बडी बात है. यह पूछे जाने पर कि भाजपा इसको मुद्दा बना रही है राजद प्रमुख ने कहा कि उनके खिलाफ महागठबंधन के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए वे अप्रसांगिक मुद्दों को उठाते हैं. लालू के पुत्र और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसके बारे में जानकारी होने से इंकार करते हुए कहा कि मंत्री अब्दुल गफूर इसके बारे में बेहतर तौर पर जवाब दे सकते हैं. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि शहाबुद्दीन लंबे समय तक राजद के सांसद रहे हैं. उनकी पत्नी ने राजद के टिकट पर पिछली बार लोकसभा चुनाव लडा था। उन्होंने शहाबुद्दीन से अपनी मुलाकात का बचाव करते हुए इसे मानवता के नाते शिष्टाचार मुलाकात बताया.
Circuit house is next to prison & he has been our party’s MP. So I paid him a courtesy visit-Bihar Min Abdul Ghafoor pic.twitter.com/Qx6mCOid0f
— ANI (@ANI_news) March 8, 2016