पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकरबीजेपी नीतएनडीए के खिलाफ महागंठबंधन को दो तिहायी बहुमत से जीत दिलाने वाले नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री के रुप में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए 20 नवंबर को अपने मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण करेंगे. सूत्रों की माने तो शपथ ग्रहण समारोह मेंभाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्णा आडवाणी को भी निमंत्रित किया गया है. हालांकि उनके इस समारोह में शामिल होने को लेकर संशय बरकरार है.
सूत्रों के मुताबिक महागंठबंधन के प्रमुख रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की हैं और उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया हैं. हालांकि आज सरकार बनाने का दावा पेशकरनेके बाद राजभवन के बाहर पत्रकारों की ओर से इस संबंध में पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रित किया जायेगा, नीतीश कुमार ने कहा कि इन मामलों का ‘‘निर्णय उचित समय पर किया जाएगा और मीडिया को सूचित किया जाएगा.
नीतीश कुमार ने आडवाणी को आमंत्रित किये जाने से इनकार नहीं किया और कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में अनेक नेताओं को आमंत्रित किया जाता है, तो यहां भी इस समारोह में अनेक लोगों को निमंत्रित किया जाएगा. जिसके बारे में उचित समय पर जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार को आज महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुन लिया गया जिससे उनके मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया. उन्होंने राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के बाद राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वह मुख्यमंत्री के तौर पर 20 नवंबर को दोपहर दो बजे यहां गांधी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे. उन्होंने कहा कि महागठबंधन की तीनों पार्टियां जदयू, राजद और कांग्रेस उनके नई कैबिनेट का हिस्सा होंगी. राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए कुमार के साथ लालू प्रसाद, जदयू अध्यक्ष शरद यादव, कांग्रेस महासचिव सी पी जोशी, जदयू महासचिव के सी त्यागी और जदयू, राजद और कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष क्रमश: वशिष्ठ नारायण सिंह, रामचंद्र पुर्वे और अशोक चौधरी भी गये.