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भाजपा का सिद्धांत, अपनों को बचाओ, दूसरों को सजा दो : नीतीश

पटना : घोटाले के आरोपित पूर्व आइपीएल कमिश्नर ललित मोदी की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा मदद करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. सोमवार को जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार, भाजपा व संघ तीनों कठघरे में हैं. भाजपा का […]

पटना : घोटाले के आरोपित पूर्व आइपीएल कमिश्नर ललित मोदी की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा मदद करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. सोमवार को जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार, भाजपा व संघ तीनों कठघरे में हैं. भाजपा का यही सिद्धांत है कि जो अपने हैं, वे अपराध करें या फिर कुछ भी कर लें, उन्हें बचाना है. वहीं, अगर कोई अपना नहीं है, तो उस पर कार्रवाई हर हाल में होनी चाहिए. भाजपा की यही कार्यसंस्कृति रही है. इस प्रकार का दोहरा मापदंड होता है, तो वे रुल ऑफ लॉ के हिमायती नहीं हो सकते हैं.

नीतीश कुमार ने कहा, इस मामले में जो भी बातें सामने आ रही हैं, उनसे पता चलता है कि इसमें बिना फाइनेंसियल मिनिस्ट्री के सलाह लिये संभव नहीं हो सकता था. अब इस मामले में पार्टी और सरकार की ओर से बचाव आ रहा है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जब कोई एक केंद्रीय मंत्री जींस पहन कर विदेश जा रहे थे, तो उन्हें उतार कर कपड़ा तक बदलवाया गया. ऐसे में जब केंद्र की नजर कौन क्या पहन रहा है, उस पर है, तो कौन क्या कर रहा है, यह पता नहीं होगा, ऐसी बात हो ही नहीं सकती. भाजपा का सिद्धांत ही यही है और पार्टी-संघ-सरकार एक है. वे कह रहे हैं कि यही तरीका है. जिसको अपना समङोंगे, उसे बचायेंगे. मदद करने में संकोच नहीं करते हैं. इसमें पूरी सरकार, पार्टी और संघ इनवोल्व है. एक साल पहले हुए काम अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं. पता नहीं और क्या-क्या किया है, जो सामने आयेगा? इससे नयी और खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो रही है. लोग अब समझ रहे हैं कि कैसे वे एक साल पहले झांसे में आ गये थे.

इन टालरेट लोग हैं भाजपा में

सीएम ने कहा कि भाजपा के लोग इन टॉलरेट लोग हैं. उनमें किसी भी चीज को बरदाश्त करने की क्षमता नहीं है. इसीलिए हम भाजपा से अलग हुए थे. विधानसभा चुनाव में भाजपा को किसी एक बात को लेकर एडवांटेज मिलेगा, ऐसी बात नहीं. वे कहीं स्टैंड नहीं कर रहे हैं. अब जनता उनके बारे में सोचेगी. एनडीए से मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित करने के मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम कोई याचक नहीं है, जो मांग करेंगे और एनडीए कोई दाता नहीं है, जो उसे पूरा करेगा. यह उनका अंदरूनी मामला है. मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह सही है कि भाजपा के पास बहुत नेता हैं. इसमें कोई शक नहीं है. एक से एक महान और एक से एक संत नेता भाजपा में हैं. समय आने पर सब लोग उन्हें देखेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार भाजपा के नेताओं के पास काम तो बचा नहीं है. वह क्या बोलते हैं उसे नहीं सुनते हैं. हमारे पासा जनता का बहुत काम है. उनको काम नहीं है, बेकाम के बैठे हैं, उनकी बात क्यों सुनें.

दिखावे की चीज नहीं है योग

योग के नाम पर अब भाजपा के लोग ड्रामा कर रहे हैं. यह दिखावे की चीज नहीं है. योग का सबसे बड़ा और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान मुंगेर योग स्कूल है, लेकिन अपने योग अभियान में उन्होंने इसे शामिल नहीं किया और उसे भूल गये. ऐसा जानबूझ कर किया गया. योग की परिभाषा सभी के लिए अलग-अलग है. अब योग के नाम पर ड्रामा करना है, तो करें, लेकिन लोगों को मालूम है कि योग ड्रामा नहीं है. सीएम ने कहा कि योग दिवस पर हमें आपत्ति नहीं है, लेकिन जिस प्रकार योग को दिखावे की चीज बनाया जा रहा है, उससे मन में आशंका होती है कि योग का प्रचार कर रहे हैं या फिर योग के नाम पर और कुछ.

बिजनेस मैनेजमेंट गुरु हैं बाबा रामदेव

सीएम ने कहा कि बाबा रामदेव अब योग गुरु नहीं रहे, वे बिजनेस मैनेजमेंट गुरु हो गये हैं. वे योग गुरु से बड़े बिजनेस मैनेजमेंट गुरु बन गये हैं. जिस प्रकार एक कंपनी के उत्पाद पर उन्होंने त्वरित टिप्पणी दी थी, वह तो किसी मैनेजमेंट गुरु से कम नहीं थी.

विश्वासघाती को स्वीकार नहीं करती जनता

नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी को जब तक मुख्यमंत्री नहीं बनाया था, तब तक क्या कोई उनका नाम जानता था? मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग विश्वासघाती होते हैं, उन्हें जनता स्वीकार नहीं करती है. रामायण में राम सत्य के रास्ते पर चले थे और विभीषण ने सत्य का साथ दिया था, लेकिन अपने परिवार के साथ विश्वासघात किया था. इसलिए तो आज भी कोई माता-पिता अपने बच्चों का नाम विभीषण नहीं रखते हैं. देश की यही संस्कृति और इतिहास रहा है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह, शिक्षा मंत्री पीके शाही, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक, पशुपालन मंत्री बैजनाथ सहनी, गन्ना विकास मंत्री रंजू गीता, कल्याण मंत्री लेसी सिंह, भवन निर्माण मंत्री दामोदर रावत, श्रम मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी, पंचायती राज मंत्री विनोद प्रसाद यादव, पीएचडी मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा समेत अन्य मंत्री मौजूद थे.

समय पर होगा विधानसभा सीटों का बंटवारा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा कि हम पुराने जनता परिवार की पार्टियों के विलय के पक्ष में हैं और आगे भी लगे रहेंगे. जहां तक विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे का सवाल है, तो इसके लिए आपस में बातचीत होगी. बातचीत के बाद ही सीटों का निर्धारण किया जायेगा. जदयू-राजद के बीच एकजुटता है और यह एकता राज्यसभा उपचुनाव के समय से है. राज्यसभा उपचुनाव में जिस प्रकार भाजपा ने गंदी राजनीतिक का खेल खेला, बिहार की राजनीति को दूषित करने की राजनीति की गयी, तभी से हम सब एक हैं. सीटों पर तालमेल होगा और समय पर होगा. अब जब जदयू-राजद-कांग्रेस के बीच गंठबंधन हो गया है, तो भाजपा को परेशानी हो रही है. केंद्र भाजपा के साथ-साथ बिहार के भाजपा नेता अनाप-शनाप बोल रहे हैं और बयानबाजी दे रहे हैं.

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