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किस्सा कुरसी का : ऐसे बीते सियासी संकट के 18 दिन, इन बयानों के लिए मांझी याद किये जायेंगे

जीतन राम मांझी ने 20 मई, 2014 को बिहार की सत्ता संभाली थी. इसके साथ ही बिहार की राजनीति में एक नये अध्याय की शुरूआत हुई. राज्य को ऐसा मुख्यमंत्री मिला, जो समाज के सबसे निचले पायदान पर रहनेवाले समुदाय का प्रतिनिधि था. लेकिन, सत्ता संभालने के दो माह बाद से ही विवादों ने श्री […]

जीतन राम मांझी ने 20 मई, 2014 को बिहार की सत्ता संभाली थी. इसके साथ ही बिहार की राजनीति में एक नये अध्याय की शुरूआत हुई. राज्य को ऐसा मुख्यमंत्री मिला, जो समाज के सबसे निचले पायदान पर रहनेवाले समुदाय का प्रतिनिधि था. लेकिन, सत्ता संभालने के दो माह बाद से ही विवादों ने श्री मांझी का पीछा करना शुरू किया.
कभी वह अपने बयानों के कारण विवादों में आये, तो कभी अपनी सरकार के फैसलों की वजह से अपने ही दल के नेताओं के निशाने पर आये. इस विवाद को नया मोड़ तब मिला, जब मांझी ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया. जद यू विधायकों ने नीतीश कुमार को अपना नया नेता चुना. अब जबकि इस राजनीतिक संकट का अंत जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के रूप में हुआ, उनके विवादित बयान और राजनीतिक घटनाक्रमों पर एक नजर डालना प्रासंगिक होगा. इससे पूरे प्रकरण को समग्रता में समझने में सहूलियत होगी.
02 फरवरी
उमा भारती ने गरीबों का मसीहा बताया
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने निवर्तमान मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की जमकर प्रशंसा की. कहा कि मांझी गरीब परिवार से आते हैं. वह गरीब के बेटा हैं और गरीबों के मसीहा हैं. वह गरीबों के लिए काम करते हैं और करेंगे.
मांझी का जवाब : उमा भारती के कथन के जवाब में मांझी ने कहा कि जिसको गरीबों से प्यार है अगर वह मुझसे मिलेगा तो ऐसा ही कहेगा.
मांझी के पक्ष में शकुनी
जदयू के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी खुलकर जीतन राम मांझी के पक्ष में आ गये. उन्होंने मांझी पर बयान देनेवाले नेताओं को जम कर खरी-खोटी सुनायी. कहा कि मांझी को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनाया और लालू प्रसाद ने समर्थन दिया. ये दोनों नेता उन्हें हटाने को लेकर कोई बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन चौराहे के नेताओं का रोज बयान आ रहा है. जब मांझी को गांडीव थमा दिया है, तो 2015 का महाभारत उनके नेतृत्व में ही लड़ने दिया जाये.
03 फरवरी
पीजी तक महिलाओं और एसी-एसटी को मुफ्त शिक्षा
मांझी सरकार ने सभी वर्गो की महिलाओं और एससी-एसटी वर्ग के लोगों को पीजी तक मुफ्त शिक्षा देने का एलान किया. उन्हें किसी भी सरकारी या इससे संबंद्ध संस्थानों में पीजी तक पढ़ाई के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ेगा. मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत अन्य तकनीकी शिक्षा में भी यह छूट समान रूप से लागू होगी.
15 फरवरी तक हटा दिये जायेंगे मांझी : भाजपा
पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 15 फरवरी के पहले जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया जायेगा. उन्हें हटाने की हर दिन तिकड़म हो रही है. मांझी विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की हिम्मत दिखायें. वह चुनाव होने तक कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
नीतीश पर राजनीतिक हमला
सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर राजनीतिक हमला करते हुए कहा कि जिस तरह मछली बिना पानी के नहीं रह सकती, उसी तरह नीतीश कुमार अधिक दिनों तक बिना कुरसी के नहीं रह सकते.
जदयू का जवाब : भाजपा के हमले का जवाब देते हुए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि भाजपा और उनकी पार्टी मांझी सरकार को अस्थिर करना चाहती है. जदयू सरकार पर कोई संकट नहीं है. मोदी के बयान का कोई असर नहीं होनेवाला है.
04 फरवरी
शरद ने कहा- मांझी को हटाना एजेंडे में नहीं
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर बैठक का एजेंडा मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को हटाना नहीं है. नीतीश कुमार के ऊपर मुख्यमंत्री बनने का दबाव नहीं है. हमलोग 15 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा करने आये हैं.
शरद से मिले मांझी : अटकलों के बीच देर शाम मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी होटल चाणक्या में ठहरे शरद यादव से मिले. करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में बातचीत हुई. इस मुलाकात के संबंध में मांझी ने कुछ नहीं कहा. वहीं शरद यादव ने कहा कि पार्टी के मसलों पर चर्चा के लिए लोग आते रहते हैं. इसीलिए मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह आये थे.
सीएम मांझी, पर मंत्री नीतीश की सुन रहे : भाजपा
भाजपा नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी है, लेकिन सरकार में मंत्री उनके नहीं नीतीश कुमार के इशारे पर काम कर रहे हैं. बिहार की जनता ने भाजपा-जदयू को जनादेश दिया था. जदयू ने ‘जंगल राज’ के खात्मे के नाम पर जनादेश लिया था, लेकिन नीतीश कुमार ने आज उसी ‘जंगल राज ’ के नेताओं से हाथ मिला लिया. दूसरों को नीति और सिद्धांत का पाठ पढ़ाने से बेहतर होता नीतीश जी खुद एक बार नैतिकता का पाठ पढ़ ले.
05 फरवरी
शरद ने सात को विधायक दल की बैठक बुलायी
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सात फरवरी को विधायक दल की बैठक बुलायी. सभी विधायक और विधान पार्षदों को शनिवार को दोपहर तीन बजे तक विधानसभा एनेक्सी में आयोजित बैठक में हर हाल में उपस्थित होने को कहा गया है. मांझी को भी इसकी सूचना दी गई.
मांझी का जाने से इनकार
बैठक की सूचना मिलने के बाद मांझी ने अपने समर्थकों से विचार-विमर्श करने के बाद एलान किया कि वह इस बैठक में नहीं जायेंगे. मांझी ने कहा कि जदयू विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री होने के नाते सिर्फ मुङो है. उन्होंने सात फरवरी को निर्धारित बैठक को भी अनधिकृत करार दिया.
जदयू की चेतावनी : विधायक दल की बैठक बुलाये जाने पर पार्टी लाइन के उलट चनले पर मांझी को जदयू ने निष्कासित करने की चेतावनी भी दी गई.
सीएम बनने के लिए नीतीश बेचैन : भाजपा
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा के चलते बिहार के बेशकीमती 20 माह कुशासन और अपराध की भेंट चढ़ चुके हैं. चंद महीनों में ही वह दोबारा मुख्यमंत्री बनने को बेचैन क्यों हो गये? अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी की पराजय को अपने नेतृत्व के प्रति जनता के अविश्वास के रूप में उन्होंने लिया था, तब क्या आज उन्हें जनता का विश्वास हासिल हो गया है? े दोबारा सीएम के लिए उन्हें नये जनादेश का इंतजार करना चाहिए.
06 फरवरी
मांझी ने ललन-शाही को बरखास्त किया
पार्टी से बगावत के एक दिन बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शरद-नीतीश कैंप के पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह और वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही की बरखास्तगी की सिफारिश कर दी. उधर, नीतीश मिश्र ने कहा कि मांझी ही नैया पार लगायेंगे. उन्होंने कहा कि मांझी मंत्रिमंडल में चार-पांच को छोड़ अधिकतर मंत्री मांझी के साथ हैं.
जद यू कार्यालय में मारपीट
राजनीतिक संकट के बीच मांझी और नीतीश समर्थकों के बीच तनाव बढ़ा. मांझी के समर्थक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जद यू कार्यालय में घुस गये और उन्होने जमकर तोड़फोड़ की. यहां तक कि कई पदाधिकारियों को कार्यालय से हट जाना पड़ा. हालांकि दूसरे दिन मांझी ने इस घटना की निंदा की.
07 फरवरी
नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया
जदयू विधायक दल ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नया नेता चुना. नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव कभी मांझी के समर्थक कहे जानेवाले विधायक अरुण मांझी ने किया. नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हम सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे और जरूरत पड़ी, तो विधायकों की परेड भी करायेंगे.
नीतीश कुमार के बुलावे पर मांझी उनके आवास पर मिले, पर इस्तीफा देने से इनकार किया.
15 मंत्रियों को बरखास्त करने की सिफारिश
नीतीश कुमार के विधायक दल के नेता चुने के बाद मांझी ने कैबिनेट बैठक में विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव रख दिया. इसके बाद उन्होंने 15 और मंत्रियों को बरखास्त करने की अनुशंसा की.
08 फरवरी
नीतीश व मांझी दोनों ने किया बहुमत का दावा
जदयू और उसके सहयोगी दलों कांग्रेस, राजद व भाकपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर राज्यपाल के प्रधान सचिव को समर्थन पत्र सौंपा. 130 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया. मांझी ने 20 फरवरी को बहुमत साबित करने का किया ऐलान.
बीमा भारती व सुनीता सिंह को धमकी
जदयू की दो महिला विधायकों बीमा भारती और सुनिता सिंह ने मांझी समर्थक मंत्री व नेता पर धमकी देने का आरोप लगाया. बीमा भारती ने सचिवालय थाने में लिखित शिकायत में कहा कि मंत्री विनय बिहारी व विधायक सुमित कुमार सिंह उनके घर आये थे. उन्होंने जीतन राम मांझी को समर्थन देने का दबाव बनाया. बेलसंड की जदयू विधायक सुनीता सिंह ने कहा नरेंद्र सिंह ने सीधे-सीधे कहा कि मांझी की मदद करें, नहीं तो जमीन खिसका देंगे.
भाजपा मांझी को टर्म पूरा कराने के पक्ष में : मंगल
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडे ने कहा कि भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में नहीं है. भाजपा चाहती है कि जीतन राम मांझी अपना टर्म पूरा करें.
09 फरवरी
नीतीश मिले राज्यपाल से
जदयू विधायक दल के नेता बनने के बाद नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिल कर बहुमत का दावा किया और सरकार बनाने के लिए जल्द न्योता देने की मांग की. नीतीश कुमार के आवास से जदयू के विधायक और लालू प्रसाद के आवास से राजद के विधायक पैदल राजभवन गये. उन्होंने राज्यपाल के समक्ष 130 विधायकों के समर्थन का दावा किया.
मांझी ने गुप्त मतदान का किया अनुरोध
जीतन राम मांझी ने भी राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर बहुमत का दावा किया. उन्होंने राज्यपाल से कहा कि हमें सदन में बहुमत साबित करने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने राज्यपाल से गुप्त मतदान कराने का अनुरोध किया. उधर मांझी समर्थक नरेंद्र सिंह ने कहा कि हम विधानसभा में बहुमत साबित कर देंगे. हम भाजपा से भी समर्थन लेंगे.
10 फरवरी
सवर्णो को आरक्षण
जदयू से निकलने के बाद अपने खेमे के सात मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पहली कैबिनेट की. सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने की पहल की है. इसके लिए तीन सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया गया. इसके अलावा ठेकेदारी के काम में एससी-एसटी वर्ग के लोगों को ज्यादा सुविधा देने का भी फैसला लिया गया.
11 फरवरी
20 को बहुमत साबित करने का राज्यपाल का निर्देश
राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने जीतन राम मांझी को 20 फरवरी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया. राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के दिन गुप्त मतदान कराने का मांझी का अनुरोध भी मान लिया. उन्होंने स्पीकर को कहा कि वह सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद लॉबी मतदान या गुप्त मतदान का इंतजाम करें.
राष्ट्रपति से मिले नीतीश-लालू, 130 विधायकों की परेड
नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सामने अपने 130 समर्थक विधायकों की परेड करायी. इन विधायकों को दो बसों से राष्ट्रपति भवन लाया गया. इनमें जदयू के साथ ही राजद, कांग्रेस व भाकपा के विधायक भी शामिल थे. सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को जल्द निर्णय लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया.
नीतीश को जदयू विधानमंडल दल के नेता की मान्यता पर कोर्ट की रोक
पटना हाइकोर्ट ने बिहार विधानसभा सचिवालय के उस फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जदयू विधानमंडल दल के नेता के रूप में मान्यता दी गयी. मांझी खेमे के विधायक राजेश्वर राज की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह रोक लगायी.
मांझी को जद यू से निकाला
उधर, विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने जीतन राम मांझी को बिहार विधानसभा में अनअटैच मेंबर करार दिया. जद यू ने इसका लिखित अनुरोध उनसे किया था.
12 फरवरी
किसानों को मुफ्त बिजली का तोहफा
जीतन राम मांझी ने ‘एग्रो बिहार-2015’ मेले का उद्घाटन करते हुए पांच एकड़ तक जमीनवाले सभी किसानों को मुफ्त में बिजली देने की घोषणा कर दी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी अपील कर दी कि अगर मुङो दोबारा मौका मिलता है, तो मुफ्त बिजली के लिए पांच एकड़ की सीमा को बढ़ा कर 10 एकड़ तक भी किया जा सकता है.
13 फरवरी
विस में मुख्य विपक्षी दल के लिए जदयू ने ठोंका दावा
विधानसभा में विरोधी दल के नेता के रूप में जदयू विधायक दल के नेता विजय कुमार चौधरी ने दावा ठोंका. 20 फरवरी को विश्वासमत के दौरान जद यू का विपक्ष में बैठने का फैसला.
14 फरवरी
महादलितों में पासवान शामिल
राज्य की महादलित जातियों की श्रेणी में दुसाध (पासवान) जाति को भी शामिल कर लिया गया. पासवान की दो उपजातियों धाड़ी और धरही को भी इसमें जोड़ दिया गया.
राज्यपाल से मिले जद यू, राजद व कांग्रेस के नेता
जदयू, राजद, कांग्रेस, भाकपा और निर्दलीय विधायकों ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात की और जीतन राम मांझी सरकार के निर्णयों को लागू किये जाने पर रोक लगाये जाने की मांग की है. सभी ने कहा कि राज्यपाल विश्वासमत प्राप्त होने तक मांझी सरकार के फैसला लेने और सात फरवरी के बाद लिये गये सभी निर्णयों के लागू होने पर रोक लगाएं.
15 फरवरी
निशाने पर राज्यपाल
जदयू, राजद, कांग्रेस और भाकपा ने एक साथ राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि राज्यपाल भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी की भाषा बोल रहे हैं. संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए ऐसी बयानबाजी उचित नहीं है.
16 फरवरी
मांझी के फैसले लेने पर हाइकोर्ट की रोक
पटना हाइकोर्ट ने मांझी सरकार को किसी भी तरह के नीतिगत फैसले लेने पर अंतरिम रोक लगा दी. जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार को अभी कोई नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार नहीं है.
17 फरवरी
मांझी खेमे के सात मंत्री जदयू से निलंबित
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने जीतन राम मांझी खेमे के सात मंत्रियों को पार्टी से निलंबित कर दिया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इन मंत्रियों पर कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को पत्र लिखा था.
18 फरवरी
कोर्ट से राहत
पटना हाइकोर्ट जीतन राम मांझी को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने व्यवस्था दी कि मुख्यमंत्री होने के नाते मांझी कोई भी फैसला ले सकते हैं. विषय चाहे नीतिगत हो या वित्तीय, उन्हें निर्णय लेने का अधिकार होगा. लेकिन, इन फैसलों पर अमल 21 फरवरी के बाद ही हो पायेगा.
कैबिनेट ने लिये बड़े फैसले
सरकारी नौकरी में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण,नियोजित शिक्षकों को वेतनमान के लिए उच्चस्तरीय कमेटी, सिपाही से इंस्पेक्टर तक को अब साल में 13 महीने का वेतन , किसान सलाहकारों को अब हर माह मिलेंगे 7000, होमगार्ड अब 60 साल में रिटायर होंगे मानदेय, भत्ता बढ़ा.
19 फरवरी
मांझी के समर्थन में भाजपा
भाजपा विधायक मांझी सरकार के पक्ष में वोट करेंगे. भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने मांझी को समर्थन देने का ऐलान किया. भाजपा ने अपने सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहने को कहा. इसके लिए पार्टी ने व्हीप भी जारी किया. प्रदेश भाजपा ने अपने फैसले से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करा दिया.
इन बयानों के लिए किये जायेंगे याद
नीतीश के साथ कर्तव्य, दिल दलित के पक्ष में
पद से हटने के लिए उन पर कोई दबाव नहीं है. पार्टी में किसी के काम से कोई संतुष्ट है, तो कोई संतुष्ट नहीं है. मेरी अब कोई इच्छा भी नहीं है. विधायक दल की बैठक में पहले तय हुआ था कि अगली बार हम सत्ता में आये, तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे. इस पर हम आज भी अडिग हैं.
विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार ही होंगे. उनके नाम का प्रस्ताव रखने की जरूरत पड़े, तो हम ही सबसे पहले रखेंगे. यह मेरा कर्तव्य है, लेकिन जहां तक भावना का सवाल है, तो हम अनुसूचित जाति के हैं, गरीब परिवार से आते हैं. उनकी अपनी भावना है.
मैंने भी दी है रिश्वत
– 13 अगस्त 2014, पटना
ग्रामीण विकास अधिकारियों के एक समूह से जीतन राम मांझी ने कहा, ‘मुङो यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है कि सरकारी मशीनरी में शीर्ष से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार व्याप्त है.’ मांझी ने कहा कि कुछ वर्ष पहले बिजली का बिल सुधारने के लिए उनके परिवार के सदस्यों को रिश्वत देनी पड़ी थी.
बेटे की गर्लफ्रेंड है तो?
– 16 अगस्त, बोधगया
जीतन राम मांझी ने कहा कि किसी की भी ‘गर्लफ्रेंड’ हो सकती है.किसी गलत काम को लेकर मेरे पुत्र के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. मांझी के पुत्र के एक महिला पुलिसकर्मी के साथ कथित रूप से यौन संपर्क पर उन्होंने बचाव किया.
दलित अंतरजातीय शादी करें, आबादी बढ़ाएं
– 23 अगस्त, पटना
मांझी ने दलित छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि दलित छात्रों को अंतरजातीय विवाह करना चाहिए और आबादी बढ़ाना चाहिए.
धमकी से नहीं डरता
– 28 अगस्त, मखदूमपुर
मखदुमपुर के झमनिबगहा में मांझी ने कहा कि मुट्ठी भर लोगों की गीदड़भभकी से हम नहीं डरते. हम आपके वोट से नहीं जीतते. आपका तेवर देखकर लगता है कि आप मुङो वोट नहीं देते हैं.
चूहा खाना गलत नहीं
– 30 अगस्त, पटना
बिहार में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के चूहा खाकर जिंदा रहने की खबर पर जीतन राम मांझी ने कहा कि चूहा मारकर खाना खराब बात नहीं है. मैं भी चूहा खाता था.
तो डॉक्टरों के हाथ
काट दूंगा
– 16 सितंबर, पूर्वी चंपारण
पकड़ी दयाल में सब-डिविजनल अस्पताल का उद्घाटन के दौरान कहा कि अगर डॉक्टर गरीबों के इलाज में कोताही बरते या जीवन खिलवाड़ करते हुए मिलेंगे, तो उसके हाथ काट दिए जायेंगे.
कालाबाजारी भी अच्छी
– अक्टूबर, पटना
बिहार के चैम्बर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्र म में मांझी ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के लिए अगर व्यवसायी कालाबाजारी करते हैं, तो इसमें कोई गलत बात नहीं है, बल्किवो तो धन्यवाद के पात्र हैं. दो-चार हजार करोड़ की कालाबाजारी करने वालों पर सख्ती की जरूरत है.
नीतीश नेता हैं, रहेंगे
– 02 नवंबर, पटना
महिला भूदान किसान सम्मेलन में भाग लेने के बाद मांझी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमारे नेता हैं और वे उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे.
अगड़े आर्यो की संतान
– 11 नवंबर, बगहा
दलित-आदिवासी ही बिहार के मूल वासी हैं.यहां के मूल लोग ही मेरे भाई हैं. बाहर से आये लोगों ने दलितों और अति पिछड़ों को तबाह कर दिया. अगड़े लोग आर्यो की संतान हैं.
पत्नी क्या करती है, सोचें
– 12 नवंबर, गोपालगंज
मांझी ने एक कार्यक्र म में कहा कि आप जवान आदमी बाहर चले जाते थे और साल भर बाद आते थे. आपकी पत्नी यहां घर पर क्या करती थी.. यह सोचने की बात है.
ठोकर खाते पीएम बनूंगा
– 19 नवंबर, पटना
श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में विश्व शौचालय दिवस के मौके पर
आयोजित एक कार्यक्र म में कहा कि महादलित परिवार से होने के कारण बचपन से ही मैं ठोकर खाता रहा हूं. ठोकर खाते-खाते मुख्यमंत्री बन
गया, कहीं यही ठोकर मुङो प्रधानमंत्री न बना दे.
हम तो सीएम भी नहीं बनना चाहते थे
– 01 दिसंबर, पटना
प्रधानमंत्री बनने की कोई योग्यता है क्या? हम तो मुख्यमंत्री भी नहीं बनना चाहते थे पर बन गये.
बूढ़ा तोता पोस नहीं मानता
– 13 दिसंबर, बेगूसराय
मेरे बारे में कौन क्या बोलता है इसकी परवाह मुङो नहीं है. नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह व्यवहार कुशल हैं.
मैं भी लेता था कमीशन
– 13 फरवरी, पटना
शिक्षक-शिक्षकेतर महासंघ के एक कार्यक्र म में जीतन राम मांझी ने कहा कि हम भी ठेकेदारों से कमीशन लेते थे, पर अब न लेंगे, न लेने देंगे. जितना पुल के पिलर बनाने में खर्च होता है, उससे ज्यादा कमिशन दिया जाता है.
गर्लफ्रेंड के साथ घूमो
– 17 फरवरी, दिल्ली
एक निजी चैनल से बातचीत में मांझी ने कहा कि 90 फीसदी मर्द दूसरे की पत्नियों से डेट करते हैं. केवल 2-5 फीसदी मर्द ही अपनी पत्नियों के साथ बाहर घूमने जाते हैं. गर्लफ्रेंड रखने की बात पर मांझी ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
जिसको मंत्री बनना है वो मेरे पास आये
– 19 फरवरी, पटना
जिसको भी मंत्री बनना है मेरे पास आ जाये. मेरे पास काफी वैकेंसी है. जिस तरह छोटी मछली को बड़ी मछली खाती उसी तरह गरीबों का शोषण करने वालों के खिलाफ आवाज उठाने पर मुङो दबाया जा रहा है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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