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बिहार चाहे, तो 2020 का नेशनल गेम्स करे होस्ट

सौरभ चौबे पटना : भारतीय ओलिंपिक संघ के सचिव राजीव मेहता ने कहा है कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री आइओए को लिखित आवेदन दें, तो 2020 के नेशनल गेम्स की होस्टिंग का मौका बिहार को मिल सकता है. राजीव मेहता ने शुक्रवार को दिल्ली में बिहार के खेलमंत्री विनय बिहारी, बिहार ओलिंपिक संघ के सचिव […]

सौरभ चौबे
पटना : भारतीय ओलिंपिक संघ के सचिव राजीव मेहता ने कहा है कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री आइओए को लिखित आवेदन दें, तो 2020 के नेशनल गेम्स की होस्टिंग का मौका बिहार को मिल सकता है.
राजीव मेहता ने शुक्रवार को दिल्ली में बिहार के खेलमंत्री विनय बिहारी, बिहार ओलिंपिक संघ के सचिव मुश्ताक अहमद और बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी के साथ आइओए के सभागार में बैठक की.
बैठक के बाद उन्होंने फोन पर हुई खास बात-चीत में कहा, ‘बैठक बहुत ही सकारात्मक थी. बिहार के खेलमंत्री ने काफी सकारात्मक रुख दिखाया है. मैंने बैठक में साफ कर दिया था कि यदि बिहार से खेल बिल 2013 को वापस ले लिया जाता है, तो वे तुरंत बिहार पर नेशनल गेम्स में भागीदारी पर लगे बैन को वापस ले लेंगे. हालांकि, उन्होंने जोड़ा कि इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री की ओर से लिखित आश्वासन चाहिए.
बिहार में खेल के विकास के लिए उनकी ओर से उठाए जानेवाले कदम के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि पिछला नेशनल गेम्स झारखंड को मिला था और आज वह खेलों में काफी आगे है. इसी प्रकार अगर बिहार के मुख्यमंत्री उन्हें लिखित आवेदन दें, तो वे 2020 के नेशनल गेम्स के मेजबानी का मौका बिहार को दे सकते हैं. इससे प्रदेश में बहुत से स्टेडियम का निर्माण होगा. करीब 12 से 14 हजार खिलाड़ी वहां जुटेंगे और देश-विदेश से दर्शक भी. इससे न सिर्फ खेल का बल्कि सूबे का भी विकास तय है.
बैठक में नहीं आयेंगे मेहता
ेमेहता ने कहा कि पांच जनवरी को पटना में होनेवाली बैठक में वे शामिल नहीं हो पायेंगे, लेकिन आइओए के प्रतिनिधि बन कर उनकी जगह नरेंद्र मोर आयेंगे. मोर को मुख्यमंत्री के साथ होनेवाली इस बैठक के बाद फैसला लेने का हक होगा.
सकारात्मक रही बैठक : विनय बिहारी
वहीं, बैठक के बाद देर रात पटना लौटे खेलमंत्री विनय बिहारी ने फोन पर कहा कि बैठक सकारात्मक रही है. इंटरनेशनल ओलिंपिक एसोसिएशन के अपने बाइलॉज हैं और उसे भारतीय ओलिंपिक संघ को पालन करना होता है. उसके मुताबिक कोई भी देश या राज्य की सरकार किसी खेल संघ को अपने अनुकूल नहीं चला सकती. ऐसे में यह बिल क्यों लाया गया, बता पाना कठिन होगा. उन्होंने कहा कि बिहार के लिए खिलाड़ियों का खेलना जरूरी है और वे मुख्यमंत्री से इसके लिए बात करेंगे. नेशनल गेम्स के मेजबानी के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें लगभग 70 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार को उठाना होता है. इसलिए शेष 30 प्रतिशत खर्च सरकार उठाने के लिए तैयार है. इससे न सिर्फ खेल का विकास होगा, बल्कि सूबे का भी विकास होगा.
नेशनल गेम्स के लिए कांउटडाउन शुरू
तिरुवनंतपुरम : राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत में अब जब सिर्फ तीन हफ्ते समय बचा है तब यहां आयोजित होनेवाले इन खेलों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और राज्य सरकार ने इस बहु खेल प्रतियोगिता के लिए आधिकारिक काउंटडाउन शुरू कर दिया है. राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन 31 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और इससे पहले आगामी दिनों में कई प्रचार गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा, जिसमें ‘रन केरल रन’ मैराथन और मशाल रिले शामिल हैं.
महान क्रिकेटर और खेलों के गुडविल एंबेसडर मैराथन में हिस्सा लेंगे और इसका मुख्य आकर्षण होंगे. इसका आयोजन 20 जनवरी को राज्य के 7000 से अधिक हिस्सों में किया जायेगा और इसमें लाखों लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है. आधिकारिक काउंटडाउन को लॉन्च करते हुए मुख्यमंत्री ओमेन चांडी ने गुरुवार की रात रंगा-रंग कार्यक्रम में पूर्व एथलीटों और कोचों की मौजूदगी में विजेताओं को दिये जानेवाले पदकों का पेश किया.

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