पटना : सूबे में टीइटी और एसटीइटी पास अप्रशिक्षित अभ्यर्थी भी शिक्षक बन सकेंगे. नियुक्ति से पहले उनके बीएड पास होने की बाध्यता नहीं रहेगी. शिक्षा विभाग ने इसकी अनुमति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीइ) से अनुरोध किया है.
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने एनसीटीइ के सदस्य सचिव को पत्र लिखा है. उन्होंने मांग की है कि ट्रेड अभ्यर्थियों के अभाव में शिक्षकों के अधिकतर पद खाली रह गये हैं. इसलिए टीइटी व एसटीइटी पास अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को नियुक्त करने का आदेश दिया जाये, ताकि सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (महिला सहित) श्रेणियों के अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को नियुक्ति में मौका मिल सके.
प्रधान सचिव ने एनसीटीइ को बताया कि हाइस्कूलों में 48 फीसदी और प्लस टू स्कूलों में 21 फीसदी शिक्षकों का ही नियोजन हो सका है. कई विषयों के ट्रेंड शिक्षक इन स्कूलों में नहीं मिल सके हैं. हिंदी, अंगरेजी, गणित, उर्दू, भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान व वाणिज्य विषयों में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या कम है, जिसकी वजह से इन विषयों के शिक्षकों के पद नहीं भरे जा सके हैं.
शिक्षकों की कमी की वजह से हाइ व प्लस टू स्कूलों में शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहा है.
इसके अलावा इस शैक्षणिक सत्र से ही 1292 नये अपग्रेड प्लस टू स्कूलों में पढ़ाई शुरू की गयी है. इसलिए यहां भी शिक्षकों का नियोजन आवश्यक है. प्रधान सचिव ने अपने पत्र में बताया कि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में टीइटी पास अभ्यर्थियों को मौका दिया जा रहा है. इसे बाद एनसीटीइ द्वारा आये पत्र के आलोक में अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति व इन्हीं कोटि की महिला अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को छूट देने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया में उन्हें शामिल किया गया था.
फिलहाल प्रारंभिक स्कूलों के 42 हजार, हाइस्कूलों के 8,826 और प्लस टू स्कूलों के 26,635 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इस आधार पर फिलहाल 77,461 रिक्तियां हैं. इन रिक्तियों को प्रशिक्षित अभ्यर्थियों से ही नहीं भरा जा सकता है.
इसलिए इन रिक्तियों को भरने के लिए सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (महिला सहित) कोटि के अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का मौका दिया जाये. प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक अभ्यर्थियों के नियोजन के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) का आयोजन इसी शैक्षणिक सत्र में किया जाना है.