पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला की समाप्ति के बाद अपने संबोधन में आम लोगों को इसके सफल आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि पर्यावरण के विषय पर सरकार कभी कोई समझौता नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों में पर्यावरण के मुद्दे पर जागृति आयी है. हाल में इस विषय को लेकर की गयी पूरे बिहार की यात्रा के दौरान भी लोगों का पर्यावरण के प्रति उत्साह और जागृति देखने को मिली. यह सोशल वेलफेयर का काम है, इसमें सभी का सहयोग मिलना चाहिए.
रविवार को जल-जीवन-हरियाली के समर्थन में गांधी मैदान में आधे घंटे तक आयोजित ऐतिहासिक मानव श्रृंखला के केंद्र में खड़े होने के बाद सीएमनीतीश ने आम लोगों को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही. इस दौरान जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने सीएम को तरुण भारत संघ की तरफ से ‘पर्यावरण संरक्षक’ सम्मान से सम्मानित किया. सम्मान पाकर सीएम ने कहा कि यह उनका सम्मान नहीं है, बल्कि पूरे बिहार के लोगों का सम्मान है. कार्यक्रम के अंत में सीएम को जल से भरा ज्ञान कलश भी जल पुरुष ने भेंट करते हुए कहा कि सूबे की धरती का पेट सदा इसी तरह पानी से भरा रहे.
सीएम ने कहा कि बापू की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर ही उनके विचार को ध्यान में रखते हुए जल-जीवन-हरियाली की अवधारणा को साकार किया गया है. धरती जरूरत को पूरी कर सकती है, लालच को नहीं, इसे ध्यान में रखते हुए यह अभियान शुरू किया गया है. पर्यावरण की जो मौजूदा स्थिति है, अगर हम उसके प्रति जागरूक नहीं हुए, तो भविष्य में संकट आ जायेगा. जिस तरह से अचानक बाढ़ और सूखे की स्थिति प्रदेश में बन रही है. उसे दूर करने के लिए यह जरूरी है. इसके साथ ही नशामुक्ति और दहेज एवं बाल विवाह के मुद्दे भी बेहद जरूरी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल और हरियाली के बाद ही जीवन है. जल और पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए ही पूरी कार्ययोजना तैयार करके ही जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गयी है. इसे मिशन मोड में सभी जिलों में शुरू किया गया है. विभिन्न विभागों को भी इससे जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी पोखर, आहर, पइन, कुओं को अतिक्रमण मुक्त किया जा रहा है. रेन वॉटर हर्वेस्टिंग का काम तेजी से चल रहा है. गंगा के जल को बरसात के मौसम में गया और राजगीर तक पहुंचाया जायेगा.
सीएम ने कहा कि राज्य के हरित आवरण को बढ़ाने के लिए 19 करोड़ पौधे लग गये हैं. साढ़े आठ करोड़ पौधे अभी और लगने हैं. जल संरक्षण होगा, हरियाली बढ़ेगा, तभी पर्यावरण संतुलित होगा. इसे ध्यान में रखते हुए ही काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि घर-घर बिजली पहुंचाने के बाद अब सौर्य ऊर्जा पर खासतौर से काम किया जा रहा है. यही अक्षय ऊर्जा है.