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त्रिकोणीय विवाद में उलझी आमसभा की बैठक

पटना : जिला पर्षद की 10 जनवरी को होने वाली आमसभा की बैठक एक बार फिर स्थगित हो गयी है. यह चौथी बार है जब बैठक निरस्त की गयी. चेयरमैन का कहना है कि बैठक बुलाने और स्थगित करने का अधिकार हमारा है, जबकि डीडीसी बिना संचिका भेजे खुद से आनन-फानन में बैठक बुलाते हैं. […]

पटना : जिला पर्षद की 10 जनवरी को होने वाली आमसभा की बैठक एक बार फिर स्थगित हो गयी है. यह चौथी बार है जब बैठक निरस्त की गयी. चेयरमैन का कहना है कि बैठक बुलाने और स्थगित करने का अधिकार हमारा है, जबकि डीडीसी बिना संचिका भेजे खुद से आनन-फानन में बैठक बुलाते हैं.

बैठक करीब 10 दिन पहले बुलाने का प्रावधान है, जिससे सभी 45 सदस्यों को जानकारी हो सके. लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है. आमसभा की बैठक नहीं होने से कार्यालय का कामकाज प्रभावित हो रहा है. इधर कर्मचारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं
त्रिकोणीय विवाद में उलझा कार्यालय : दरअसल जिला पर्षद कार्यालय त्रिकोणीय विवाद में उलझ गया है. जिला परिषद की चेयरमैन अंजू देवी और डीडीसी सुहर्ष भगत के बीच पहले से मतभेद चल रहा है. इससे जिला पर्षद की आमसभा की बैठक नहीं हो पा रही है. डीडीसी की ज्वाइनिंग के बाद अब तक आमसभा की बैठक नहीं हुई है.
डीडीसी ने जिला पर्षद कार्यालय को पुरानी बिल्डिंग से हटाकर विकास भवन की तीसरी मंजिल पर कर दिया है. आधे दस्तावेज पुराने कार्यालय में हैं, तो आधे नये कार्यालय में चले गये हैं. सही मायने में सब अस्त-व्यस्त हो गया है. अब कार्यालय के प्रधान सहायक निखिल और संगठन के मंत्री अनिल कुमार के तबादला के बाद कर्मचारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये कर्मचारी
कर्मचारियों की सबसे बड़ी नाराजगी यह है कि कार्यालय के प्रधान सहायक निखिल कुमार का तबादला मसौढ़ी डाकबंगला के लिए कर दिया गया, जबकि वहां पर सहायक का पद ही नहीं है. कर्मचारी संघ का कहना है कि कार्रवाई से पहले स्पष्टीकरण पूछा जाना चाहिए था.
इसी तरह से संगठन के मंत्री अनिल कुमार का भी तबादला कर दिया गया है. उनसे भी स्पष्टीकरण नहीं पूछा गया है. गांधी मैदान में एफआइआर भी करायी गया है. संगठन का आरोप है कि डीडीसी लगातार फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हैं. संविदा कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया गया है.
जिला परिषद की आम सभा की बैठक बुलाना डीडीसी का काम नहीं है, बल्कि तिथि निर्धारण कर बैठक बुलाना जिला परिषद अध्यक्ष का काम है. अध्यक्ष का आरोप है कि इसके पहले वह दो बार बैठक बुला चुकी है लेकिन इस पर डीडीसी द्वारा पत्र निर्गत नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि डीडीसी द्वारा बिना अध्यक्ष की अनुमति लिये बैठक बुलाना गलत है. डीडीसी को चहिए कि वह कर्मचारियों के हड़ताल को वार्ता कर खत्म कराएं और समाधान ढूंढ़ें.
डीडीसी सुहर्ष भगत का कहना है कि चेयरमैन अंजू देवी के पत्र का संज्ञान लेते हुए आमसभा की बैठक को टाल दिया गया है. तबादला को लेकर कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना ठीक नहीं है. लंबे समय पर पोस्ट प्रधान सहायक का तबादला हुआ है. संगठन मंत्री अनिल कुमार पर दर्ज करायी गयी एफआइआर पर उन्होंने कहा कि वित्तीय अनियमितता का आरोप है.

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