पटना : पंचायतों में मुखिया, वार्ड सदस्य, वार्ड सचिव के बीच जहां सांठगांठ है, वहां गबन-घोटाले का खेल हो रहा है. जमीन पर काम हो या न हो कागजों में सब ठीक कर दिया गया है. लेकिन जब इन्हीं कागजों के आधार पर जमीनी हकीकत की जांच हुई, तो तमाम अनियमितताएं सामने आ गयीं.
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वार्ड सचिव और वार्ड सदस्य की निजी जमीन पर कर दी बोरिंग
पटना : पंचायतों में मुखिया, वार्ड सदस्य, वार्ड सचिव के बीच जहां सांठगांठ है, वहां गबन-घोटाले का खेल हो रहा है. जमीन पर काम हो या न हो कागजों में सब ठीक कर दिया गया है. लेकिन जब इन्हीं कागजों के आधार पर जमीनी हकीकत की जांच हुई, तो तमाम अनियमितताएं सामने आ गयीं. अथमलगोला […]
अथमलगोला के बहादुरपुर पंचायत में सरकारी रुपये के बंदरबांट की शिकायत लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय में की गयी थी. इसके बाद यह मामला पंचायती राज पदाधिकारी के पास पहुंचा और पंचायत में जाकर जांच करने के लिए जेइ को भेजा गया. जांच रिपोर्ट के मुताबिक पंचायत के कुल 16 वार्डों में से 12 में कुल 27 बोरिंग की गयी हैं, जबकि चार वार्डों में एक भी बोरिंग नहीं की गयी है.
बाेरिंग करते वक्त मानक का ख्याल नहीं रखा गया है. बोरिंग 150 से 200 फुट पर ही कर दिया गया है. जबकि 350 फुट पर बोरिंग करनी था. अधिकांश बोरिंग निजी जमीन पर हुई है. वार्ड सचिव, वार्ड सदस्य की निजी जमीन में बोरिंग की गयी है. जेइ ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें बोरिंग के दौरान अनियमितता की पुष्टि की गयी है.
मिली थीं शिकायतें
बहादुर पंचायत के वार्ड नंबर-एक में दो बाेरिंग करायी गयी हैं. इनमें से एक वार्ड सचिव तथा दूसरा वार्ड सदस्य की जमीन में करायी गयी है, जबकि सरकारी जमीन में बोरिंग करानी है.
वार्ड नंबर-4 में तीन बोरिंग की गयी हैं. तीनों निजी जमीनों पर की गयी हैं. इस वार्ड में 172 मतदाता हैं, जबकि 100 लोगों पर एक बोरिंग की जानी है.
वार्ड नंबर-5 में तीन बोरिंग की गयी हैं. एक भी सरकारी जमीन पर नहीं हैं.
वार्ड नंबर-6 में तीन बोरिंग, वार्ड नंबर-7 में भी तीन बोरिंग और वार्ड नंबर-12 में भी तीन बोरिंग की गयी हैं.
एक वार्ड में अधिकतम दो बोरिंग ही की जा सकती हैं. उसके भी नियम हैं. बोरिंग निजी जमीन पर नहीं हो सकती है. अथमलगोला से संबंधित मामले में कई गड़बड़ियां हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकारी राशि की रिकवरी की जायेगी.
लटक रहा नल जल योजना का कार्य
पंचायती राज पदाधिकारी के कार्यालय में हर वार्ड से शिकायत आ रही है. कई जगह बिना निर्माण कराये, पैसा निकाल लिया जा रहा है. हालत यह है कि जहां मुखिया, वार्ड सचिव, वार्ड सदस्य के बीच तालमेल ठीक है, वहां घोटाले और गबन की शिकायत आ रही है, जहां पर तालमेल ठीक नहीं है, गाेलबंदी है वहां पर कार्य बाधित हो रहा है. नल जल योजना दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन यह विवाद की भेंट चढ़ रहा है.
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