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पटना : विचारधारा से बड़ा फैक्टर जातीय समीकरण
पटना : पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का शनिवार को चुनाव है. इस चुनाव में कौन जीतेगा और कौन हारेगा इसका फैसला ,मतपेेटियों में बंद हो जायेगा, लेकिन चुनाव में जो जीत और हार का सबसे बड़ा फैक्टर होगा वह जातीय समीकरण होगा. जिसके पक्ष में यह समीकरण होगा वह जीत सकता है. जातीय समीकरण का […]
पटना : पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का शनिवार को चुनाव है. इस चुनाव में कौन जीतेगा और कौन हारेगा इसका फैसला ,मतपेेटियों में बंद हो जायेगा, लेकिन चुनाव में जो जीत और हार का सबसे बड़ा फैक्टर होगा वह जातीय समीकरण होगा. जिसके पक्ष में यह समीकरण होगा वह जीत सकता है. जातीय समीकरण का सबसे ज्यादा प्रभाव पटना कॉलेज, बीएन कॉलेज, लॉ कॉलेज, साइंस कॉलेज, टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, पटना आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज में देखने को मिल सकता है. शुक्रवार को चुनाव से एक दिन पहले जब प्रचार थम गया तब अंदर ही अंदर जातीय समीकरण बनाये जाने लगे. कई हॉस्टलों में जाति विशेष के उम्मीदवारों को जिताने के लिए गुप्त बैठक होने की भी सूचना है.
परिसर में अपनी-अपनी जाति के उम्मीदवारों को जिताने के लिए अंदर ही अंदर कोशिश होती रही. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी विचारधारा से बड़ा फैक्टर जाति का होगा. इसकी आशंका से विचारधारा की राजनीति करने वाले कई छात्र संगठन शुक्रवार को परेशान दिखे. उनकी कोशिश छात्रों से विचारधारा और मुद्दों पर वोट करवाने की थी. वहीं कई उम्मीदवार ढूंढ़-ढूंढ़ कर अपनी जाति के मतदाताओं से संपर्क करते दिखे.
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