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पटना : 9000 करोड़ से पांच साल में पूरा होगा सोननगर-गोमो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
पटना : इस्टर्न कॉरिडोर के तहत बिहार-झारखंड में आने वाली सोननगर-गोमो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना 9000 करोड़ रुपये की लागत से पांच साल में पूरी होगी. 263.7 किमी की इस परियोजना के लिए 95% से अधिक जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है, जबकि फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी मिल चुका है. इस परियोजना को पीपीपी […]
पटना : इस्टर्न कॉरिडोर के तहत बिहार-झारखंड में आने वाली सोननगर-गोमो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना 9000 करोड़ रुपये की लागत से पांच साल में पूरी होगी. 263.7 किमी की इस परियोजना के लिए 95% से अधिक जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है, जबकि फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी मिल चुका है.
इस परियोजना को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के आधार पर पूरा किया जायेगा. इसको लेकर सोमवार को पटना में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ने इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया. इसमें गैमन इंडिया, फुल्टास, इन्फोसिस, एनटीपीसी, सीसीएल, बीसीसीएल, इसीएल सहित 30 कंपनियों ने भाग लिया.
कमीशनिंग के बाद कंपनी को लौटेगी राशि
प्रेजेंटेशन देते हुए डीएफसी के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में 100% एफडीआइ की मंजूरी है. निवेश करने वाली कंपनी को पांच साल में काम पूरा करना होगा. इसमें डीएफसी या कंपनी किसी के तरफ से विलंब होने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
डेट ऑफ कमीशनिंग (गाड़ी चालू होने) की तिथि के बाद अगले 60 इंस्टॉलमेंट में कंपनी को निवेश की गयी राशि का भुगतान कर दिया जायेगा. स्ट्रक्चरल डिफेक्ट कंपनी को दो साल तक मेंटेन करना होगा. एमडी ने बताया कि इस्टर्न कॉरिडोर के लिए वर्ल्ड बैंक से, जबकि वेस्टर्न कॉरिडोर के लिए जापान की कंपनी जायका ने फंडिंग की है.
इस्टर्न कॉरिडोर में यूपी में 351 किमी का काम पूरा
एमडी श्री सचान ने बताया कि इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की 1800 किमी लंबी लाइन में यूपी के खुर्जा-भाऊपुर के बीच 351 किमी का काम पूरा हो चुका है. इस खंड पर ट्रायल रन के रूप में 500 गाड़ियां भी चलायी जा चुकी हैं.
पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक जाने वाली इस्टर्न कॉरिडोर में लुधियाना से खुर्जा (यूपी) तक का काम दिसंबर, 2021 तक पूरा कर लिया जायेगा. इसके बाद सामान्य ट्रैक पर यात्री वाहनों की रफ्तार तेज हो सकेगी. वहीं, दूसरी ओर दादरी (यूपी) से जवाहर लाल नेहरू पोर्ट (मुंबई) तक जाने वाली वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी दिसंबर, 2021 तक ही पूरा किया जाना है. पहले फेज में सोननगर-गोमो का काम पूरा होने के बाद दूसरे फेज में इसे पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक ले जाया जायेगा.
सोननगर-गोमो फेज वन प्रोजेक्ट
रूट लेंथ 263.705 किमी
लाइन डबल
अधिकतम गति 100 किमी प्रति घंटा
बड़े ब्रिज एक
मेजर ब्रिज 45
माइनर ब्रिज 496
रोड अंडर ब्रिज 47
रोड फुट ओवर 7
टनल तीन
बीच में बड़े जंक्शन : न्यू चैलापुत्थु, कोडरमा और गोमो.
100 किमी घंटे की स्पीड से दौड़ेगी मालगाड़ी
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरपोरेशन के एमडी अनुराग सचान ने बताया कि कोल माइंस और स्टील प्लांट से जुड़े इस क्षेत्र में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनने से सामान्य रूट पर पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार व संख्या बढ़ सकेगी. वहीं, डेडिकेटेड कॉरिडोर पर 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर मालगाड़ियां चलेंगी. इससे समय पर माल पहुंचाने के साथ ही रैकों की बारंबारता बढ़ाने की सुविधा मिलेगी. पूरी तरह से इलेक्ट्रिक इस डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रूट पर हर दिन अप-डाउन में 100-100 रैक (गाड़ियां) चलाने का लक्ष्य है.
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