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बिहार: पांच माह में 1526 राज्यकर्मियों ने की शिकायत, मंत्री के पीए कतार में

कौशिक रंजनपटना : सरकारीकर्मियों की शिकायतों का समय से समाधान करने के लिए पांच महीनों में सरकारी सेवक शिकायत निवारण प्रणाली बीजीएसजीआरएस में 1526 आॅनलाइन आवेदन आये हैं. इसमें मंत्री के पीए ने भी अपनी गुहार लगायी है. बकाये भुगतान के लिए एक साल से सचिवालय का चक्कर काट रहे पीए साहब ने हार कर […]

कौशिक रंजन
पटना : सरकारीकर्मियों की शिकायतों का समय से समाधान करने के लिए पांच महीनों में सरकारी सेवक शिकायत निवारण प्रणाली बीजीएसजीआरएस में 1526 आॅनलाइन आवेदन आये हैं. इसमें मंत्री के पीए ने भी अपनी गुहार लगायी है. बकाये भुगतान के लिए एक साल से सचिवालय का चक्कर काट रहे पीए साहब ने हार कर बीजीएसजीआरएस में आवेदन दिया है. यहां से अधिकतम 60 दिनों के अंदर इनकी समस्या का समाधान होने का प्रावधान है.

इस अधिकारी का कहना है कि एरियर मिलने में जितनी देरी है, टैक्स के रूप में उतने अधिक पैसे कटेंगे, जिसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ेगा. इस लचर सचिवालय व्यवस्था से होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा. सबसे अधिक शिक्षा विभाग से आये मामले हैं.

ऐसा ही जल संसाधन विभाग से जुड़ा एक कर्मी का मामला है, जिसका कई वर्षों से एसीपी लटका हुआ था. बीजीएसजीआरएस ने इन छह महीनों में करीब 779 मामलों का समाधान भी किया है. इस सरकारी व्यवस्था में ये अकेले ऐसे पदाधिकारी या कर्मी नहीं हैं, जो अपने ही तंत्र की कार्य शैली से पीड़ित हैं. बल्कि, सिर्फ लोक सेवकों की समस्या का समाधान करने के लिए शुरू की गयी बीजीएसजीआरएस प्रणाली इसी वर्ष 26 जून से शुरू हुई है.
इसके तहत 20 नवंबर तक एक हजार 556 मामले दर्ज किये जा चुके हैं. यानी महज छह महीने में ही डेढ़ हजार से ज्यादा लोक सेवकों के मामले सामने आ चुके हैं. इसमें अब तक 799 मामलों का निष्पादन निर्धारित समयसीमा के अंद हो चुका है. शेष करीब 756 मामले प्रक्रियाधीन हैं, जिनका निबटारा दो महीने में कर देना है. बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन इस प्रणाली की मॉनीटरिंग करता है.

सबसे ज्यादा मामले प्रोन्नति से जुड़े
बीजीएसजीआरएस में अब तक आये मामलों में सबसे ज्यादा प्रोन्नति या एसीपी से जुड़े मामले शामिल हैं. डेढ़ हजार से ज्यादा आये मामलों में 588 से ज्यादा मामले सिर्फ प्रोन्नति या एसीपी से जुड़े हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर रिटायरमेंट के बाद सेवांत लाभ से जुड़े मामलों को लागू करने में हो रही देरी के मामले हैं. इसके 439 मामले आये हैं. इसके बाद एरियर समेत अन्य भत्तों के मामले भी सामने आये हैं.
सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग के कर्मी परेशान
अगर विभागवार आंकड़ा देखें, तो सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग से 60 कर्मियों ने इस प्रणाली में शिकायत की है. इसके बाद जल संसाधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के 48-48 कर्मियों की शिकायतें आयी हैं. इसी तरह सबसे ज्यादा पटना जिला से 83 और इसके बाद पश्चिम चंपारण से 79 शिकायतें आयी हैं.
इनमें अब तक 799 शिकायतों का किया जा चुका निबटारा, सबसे ज्यादा प्रोन्नति या एसीपी से जुड़े मामलों की आयी शिकायतें

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