पटना : डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने महाराष्ट्र में उत्पन्न राजनीतिक गतिरोध के बाद वहां राष्ट्रपति शासन लगाने को उचित कदम बताया है.
उन्होंने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने का स्पष्ट जनादेश मिला था, लेकिन सहयोगी दल की अनुचित मांग और अव्यावहारिक महत्वाकांक्षा के कारण चुनाव बाद जो गतिरोध पैदा हुआ उसमें राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला एक उचित कदम है. राज्यपाल ने इसकी सिफारिश कर सिद्धांतहीन गठबंधन, खरीद-फरोख्त और अवसरवाद की राजनीति पर अल्पविराम लगा दिया है. महाराष्ट्र के अप्रिय घटनाक्रम से उन करोड़ों लोगों को निराशा हुई, जिन्होंने सेवा करने वाली सरकार बनाने के लिए वोट दिये थे.
भाजपा का चाल-चरित्र उजागर : कांग्रेस
पटना : बिहार कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन अनुचित है. जब राज्यपाल ने एनसीपी को मंगलवार की रात 8.30 बजे तक का समय दिया था तो उससे पहले राष्ट्रपति शासन लगाये जाने को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है. यह भाजपा के चाल – चरित्र को उजागर करता है.
श्री सिंह ने कहा कि अभी एनसीपी का ही समय बचा हुआ था. उसके बाद महाराष्ट्र में संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस को सरकार बनाने का आमंत्रण मिलना चाहिए था. बीजेपी की केंद्र सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटने वाला कदम उठाया है. यह जनता के जनादेश का अपमान है. इसके लिए वहां की जनता भाजपा को माफ नहीं करेगी.